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देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद कई समुदायों में भ्रम की स्थिति है, ऐसा देखा जा रहा है कि विपक्षी दलों ने सरकार की कड़ी आलोचना की है. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर सफाई दी है. उन्होंने बताया कि सीएए से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी, किसी को डरने की जरूरत नहीं है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिसूचना (सीएए) को लेकर विपक्ष राजनीति कर रहा है. लोकसभा चुनाव से पहले CAA लागू करने की टाइमिंग को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठाता रहा है. असदुद्दीन ओवैसी, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी समेत सभी लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं. अमित शाह ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे सिर्फ अपने वोट बैंक को ध्यान में रखकर सीएए का विरोध कर रहे हैं.
विपक्ष राजनीति कर रहा
अमित शाह ने कहा कि ओवैसी, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी समेत सभी विपक्षी दल इस पर राजनीति कर रहे हैं. वे पूछ रहे हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले सीएए क्यों लाया गया. लेकिन बीजेपी ने 2019 में अपने घोषणापत्र में कहा था कि वह सीएए लागू करेगी, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को नागरिकता देगी.
कोविड के कारण कोई कार्यान्वयन नहीं
अमित शाह ने बताया कि सीएए को पांच साल पहले यानी 2019 में संसद में मंजूरी दी गई थी, लेकिन कोविड के कारण इसके कार्यान्वयन में देरी हुई. अमित शाह ने कहा, ''विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति करना चाहता है और अपना वोट बैंक मजबूत करना चाहता है. वे बेनकाब हो चुके हैं और देश की जनता जानती है कि सीएए देश का कानून है. मैं पिछले 4 साल में 41 बार कह चुका हूं कि यह होगा'' चुनाव से पहले लागू किया जाए.''
मोदी ने जो कहा वह काले पत्थर पर बनी लकीर
विपक्ष का आरोप है कि बीजेपी सीएए के जरिए नया वोट बैंक तैयार कर रही है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित शाह ने कहा, "विरोधियों के पास करने को कुछ नहीं है, बीजेपी को सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करने में राजनीतिक फायदा है, तो क्या हमें आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए? क्या अनुच्छेद 370 हटाना भी हमारे राजनीतिक फायदे के लिए था?" बीजेपी के वादों को याद करते हुए अमित शाह ने कहा, ''हम 1950 से कह रहे हैं कि हम अनुच्छेद 370 हटाएंगे. विपक्ष का इतिहास है कि वह जो कहता है वह नहीं करता है. मोदी जी का इतिहास है कि उन्होंने जो कहा वह काले पत्थर पर लकीर है.'' मोदी का हर वादा पूरा हुआ.”
अल्पसंख्यकों को सीएए से डरने की जरूरत नहीं
सीएए अधिसूचना जारी होने के बाद यह गलत धारणा है कि इससे लोगों की नागरिकता चली जायेगी. इस बारे में बात करते हुए अमित शाह ने कहा, 'अल्पसंख्यकों या किसी अन्य व्यक्ति को डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सीएए में किसी की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है. सीएए केवल अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को अधिकार और नागरिकता प्रदान करने के लिए है.
CAA को 'मुस्लिम विरोधी' कानून बताने पर क्या बोले गृह मंत्री?
इंटरव्यू के दौरान गृह मंत्री से पूछा गया कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया में सीएए को 'मुस्लिम विरोधी' कानून बताए जाने के बारे में आप क्या सोचते हैं? इस पर सफाई देते हुए अमित शाह ने कहा, ''इस कानून को आप एक तरफ से नहीं देख सकते. 1947 में धर्म के आधार पर बंटवारा हुआ था. उस वक्त कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि जो लोग पलायन कर गए हैं, वे कभी भी वापस आ सकते हैं. तुष्टिकरण की राजनीति के कारण कांग्रेस ने कभी अपने वादे पूरे नहीं किए। नहीं, लेकिन आज पीएम मोदी ने इसे पूरा कर दिया.'