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- Thu, 21st Nov, 2024
आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अब सवाल पूछा जा रहा है कि दिल्ली समेत अन्य राज्यों में पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा. केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले सुनीता केजरीवाल एक पूर्व आईआरएस अधिकारी और गृहिणी के रूप में जानी जाती थीं. लेकिन देखा जाए तो उन्होंने आम आदमी पार्टी के लिए इस संकट काल में निर्णायक भूमिका निभाई. ऐसा प्रतीत होता है कि यह अचानक सक्रिय हो गया है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उनकी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की एक क्लिप उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दी. इसकी काफी चर्चा हुई थी. हालांकि, अरविंद केजरीवाल के विरोधी दावा कर रहे हैं कि वह अब पार्टी की कमान अपनी पत्नी को सौंप सकते हैं.
सुनीता केजरीवाल होंगी सीएम
दिल्ली में मुख्यमंत्री कार्यालय का नकदी प्रवाह बिल्कुल स्पष्ट है. वह इस बात पर अड़े हैं कि दिल्ली सरकार के नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होगा. दिल्ली की मंत्री और वरिष्ठ आप नेता आतिशी ने भरोसा जताया कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और मुख्यमंत्री ही रहेंगे. आप उनके जेल सरकार मॉडल को पहले ही लागू कर चुके हैं. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज को प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत से छुड़ाने का निर्देश दिया है. जल नीति पर पहला आदेश उन्होंने जेल से भेजा. लेकिन अभी भी कुछ लोग चर्चा कर रहे हैं कि सुनीता केजरीवाल मुख्यमंत्री बनेंगी.
रणनीति पहले से ही तय
आम आदमी पार्टी को पता था कि ईडी एक दिन अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लेगी. इसलिए उन्होंने पहले ही पार्टी में कई लोगों की जिम्मेदारी तय कर दी थी. मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज, आप के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक को जिम्मेदारी सौंपी गई. सूत्रों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल की अनुपस्थिति में सुनीता केजरीवाल सार्वजनिक गतिविधियों और प्रेस कॉन्फ्रेंस में सक्रिय रहेंगी.
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने विरोध प्रदर्शन किया. इस मुद्दे को भावनात्मक तौर पर संभाला जा रहा है. इस बात पर ध्यान आकर्षित किया जा रहा है कि बीजेपी सरकार किस तरह विपक्ष को परेशान कर रही है. सुनीता केजरीवाल और अरविंद केजरीवाल के रूप में नागरिकों की भावनाओं को छुआ जा रहा है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने यही पैटर्न झारखंड में लागू किया है. कल्पना सोरेन ने बीजेपी पर बड़ा पलटवार किया है.