- 34ºc, Sunny
- Thu, 21st Nov, 2024
चंडीगढ़ में किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की बातचीत करीब चार घंटे तक चली. इस बैठक में केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने पर सहमत हुई. इस प्रस्ताव पर किसान आपस में चर्चा करेंगे और फिर सरकार से चर्चा करेंगे. इस चौथे दौर में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा, नित्यानंद राय और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहे. केंद्र सरकार ने किसानों को फसलों के विविधीकरण और एसएसपी में कुछ अन्य फसलों की खरीद को लेकर नया प्रस्ताव दिया है.
एमएसपी को लेकर केंद्र की ओर से दिए गए इस प्रस्ताव से किसान खुश नजर आ रहे हैं. इस प्रस्ताव पर किसान नेता आपस में चर्चा करेंगे, जबकि अन्य विवादित मुद्दों पर केंद्रीय मंत्री सरकार से चर्चा करेंगे और किसानों से एक बार फिर चर्चा करेंगे. इस बीच, किसानों ने घोषणा की है कि 21 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च करने की उनकी योजना को फिलहाल स्टैंडबाय मोड पर रखा गया है. सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद, किसानों की कर्ज माफी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने आदि मांगों पर अभी भी सहमति नहीं बन पाई है. किसानों ने सभी मांगों पर विचार करने के लिए सरकार को 48 घंटे यानी दो दिन का समय दिया है.
किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा, हम अपने मंच और विशेषज्ञों के साथ सरकार के प्रस्ताव (एमएसपी) पर चर्चा करेंगे और फिर निर्णय लेंगे. जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक कई अन्य मांगों पर बातचीत की जरूरत है. उन्होंने स्पष्ट किया, हमारा मार्च (दिल्ली चलो) जारी रहेगा. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, 'हम 19 और 20 फरवरी को अपने फोरम पर चर्चा करेंगे और विशेषज्ञों की राय लेंगे. इसके आधार पर आगे निर्णय लिया जाएगा. 21 फरवरी का हमारा कार्यक्रम सुबह 11 बजे है, यह अभी भी स्टैंडबाय पर है.'
एमएससी, स्वामीनाथन आयोग समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई. जो प्रस्ताव (सरकार की ओर से) आया है, वह किसानों के हित में है या नहीं, इस पर चर्चा करेंगे और फैसला करेंगे. सरकार अपने मंच पर अन्य मुद्दों पर भी चर्चा करेगी और फैसले से अवगत कराएगी. हम केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि हमें शांतिपूर्वक आगे बढ़ने की इजाजत दी जाए.' सरकार से अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई है. उन्होंने कहा कि अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो 21 फरवरी को सुबह 11 बजे एक और मार्च निकाला जाएगा. इससे पहले भी सरकार और किसानों के बीच 8, 12 और 15 फरवरी को तीन दिन तक बातचीत हुई थी. पंजाब और हरियाणा के किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने के लिए शंभू और खानुरी बॉर्डर पर रुके हुए हैं.
TNP न्यूज़ से DIMPLE YADAV की रिपोर्ट.