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सुमात्रा द्वीप पर स्थित इंडोनेशिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी माउंट मेरापी जो समुद्र तल से 2,891 मीटर की ऊंचाई पर है, रविवार को फट गया। विस्फोट में 11 पर्वतारोहियों की मौत हो गई और कुछ अन्य लापता हैं। एक बचाव अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद 3000 मीटर दूर तक ज्वालामुखी की राख फैल गई है। राहत बचाव दल के अधिकारियों का कहना है कि तीन पर्वतारोही ज्वालामुखी के नजदीक जीवित पाए गए हैं तो वहीं कई पर्वतारोही अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है। विस्फोट के बीच पर्वतारोही पहाड़ की तलहटी की ओर जा रहे थे। बता दें कि राहत और बचाव दल ने सभी 11 पर्वतारोहियों के शव बरामद कर लिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, बचाव के दौरान पहले चरण में, 49 पर्वतारोही पाए गए। वह सभी बच गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। वहीं दूसरे चरण में, 14 लोग मिले, जिसमें से तीन बच गए और 11 अन्य की मौत हो गई।
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2010 के विस्फोट ने मचाई थी तबाही
इंडोनेशिया में कुल 120 सक्रिय ज्वालामुखी हैं। यह इंडोनेशिया में कम से कम 129 सक्रिय ज्वालामुखियों में से सबसे अधिक सक्रिय है, जो चार जिलों में स्थित है : योग्यकार्ता में स्लेमन जिला, मध्य जावा प्रांत में मैगेलैंग, बोयोलाली और क्लैटन। मंगलवार, 26 अक्टूबर 2010 को 18.10 पश्चिमी इंडोनेशियाई समय पर, मेरापी में विस्फोट हुआ और इस ज्वालामुखी के विस्फोट की वजह से 347 लोगों की मौत हो गई थी । उसके बाद 29 अक्टूबर 2010 को पायरोक्लास्टिक क्लाउड के साथ कम से कम चार बार विस्फोट हुआ और 30 अक्टूबर 2010 को एक बड़ा विस्फोट हुआ।
27 जनवरी 2021 की खौफनाक रात
ज्वालामुखी माउंट मेरापी 27 जनवरी 2021 की देर रात फट गया। इसके धमाके की आवाज कई किलोमीटर तक सुनाई दी। 2968 मीटर यानी 9737 फीट ऊंचे इस पहाड़ में जब विस्फोट हुआ तो इसकी आवाज 30 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। तेज धमाके के साथ फटे इस ज्वालामुखी से लावे की नदी बह निकली। ये नदी पहाड़ से नीचे की ओर तेजी से आई और आसमान में राख, गैस और धूल का गुबार भी फैल गया। माउंट मेरापी ज्वालामुखी 1548 से अब तक लगातार समय-समय पर विस्फोट करता आ रहा है। ज्वालामुखी कब शांत होगा इसके बारे में अनुमान लगाना मुश्किल हो रहा है।