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- Thu, 21st Nov, 2024
भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल हुई है. कुछ महीने पहले कतर में आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को गिरफ्तार किया गया था. उन पर कथित जासूसी का आरोप लगाया गया था. कतर की एक अदालत ने आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई है. बाद में भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद मौत की सज़ा को कारावास में बदल दिया गया. अब आगे बढ़ते हुए कतर ने एक बड़ा फैसला लिया है. इसलिए आने वाले समय में भारत और कतर के बीच राजनीतिक संबंध मजबूत होंगे. कतर ने इन आठ भारतीय नाविकों को रिहा कर दिया है. भारत ने कतर के इस फैसले का स्वागत किया है. नई दिल्ली से जानकारी दी गई है कि आठ में से सात भारतीय नागरिक स्वदेश लौट आए हैं. यह भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत है.
भारत सरकार ने डहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत किया है. आठ में से सात भारत लौट आए हैं. भारत सरकार ने कहा कि हम कतर के राजा अमीर के फैसले का स्वागत करते हैं. पिछले साल दिसंबर में कतर की एक अदालत ने अल दहरा ग्लोबल मामले में गिरफ्तार भारतीय नागरिकों की मौत की सजा को माफ कर दिया था. सज़ा को कारावास में बदल दिया गया. भारत सरकार ने मौत की सजा के खिलाफ कतर की अदालत में अपील की थी. इसे स्वीकार करने के बाद यह निर्णय लिया गया.
ये भारतीय अधिकारी हुए रिहा
कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश आठ लोग कतर की हिरासत में थे.
इस मामले में हुई आधिकारियों की गिरफ्तारी
ये आठ पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी अल दहरा कंपनी में काम कर रहे थे. उन्हें अगस्त 2022 में एक कथित जासूसी मामले में गिरफ्तार किया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए कतर के अधिकारियों और नई दिल्ली ने भी आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया. 26 अक्टूबर, 2023 को कतर की एक अदालत ने पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई. भारत ने इस फैसले पर हैरानी जताई. कतर की अदालत द्वारा यह फैसला लिए जाने के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह मुद्दा महत्वपूर्ण है और सभी कानूनी विकल्पों पर विचार किया जाएगा.
TNP न्यूज़ से DIMPLE YADAV की रिपोर्ट.