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- Thu, 21st Nov, 2024
West Bengal: पश्चिम बंगाल की ताजपुर पोर्ट परियोजना को लेकर तमाम तरह के बातें सामने आ रही हैं. दरअसल इस पोर्ट को विकसित करने के लिए पहले गौतम अडानी की कंपनी को ठेका देने का फैसला किया गया था. लेकिन पिछले दिनों कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि ताजपुर पोर्ट के लिए नए सिरे से टेंडर जारी किए जाएंगे. इस बयान से ऐसा लग रहा था कि मानों 26 विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन का हिस्सा होने के वजह TMC सुप्रीमो ने अडानी से दूर रहने का फैसला लिया है.
क्या है मामला?
दरअसल पश्चिम बंगाल में ममता सरकार द्वारा बुलाए गए बिजनेस समिट 2023 में ममता बनर्जी ने तय किया कि ताजपुर पोर्ट के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे. मतलब कोई भी कंपनी नीलामी में शामिल हो कर बोली लगा सकती है. वही ममता के इस ऐलान के बाद अटकलें तेज हो गई. हालांकि अब माना जा रहा है कि अडानी पोर्ट को सौंपे गए पत्र को ममत ने रद्द करने का फैसला लिया है. वही देखने वाली बात यह है कि बंगाल सरकार के इस साल के बिजनेस इवेंट में अडानी ग्रुप से किसी ने हिस्सा नहीं लिया है.
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मंत्री शशि पांजा ने प्रोजेक्ट को लेकर कही ये बातें
जिसके बाद ममता सरकार के मंत्री शशि पांजा ने बताया कि प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. साथ इसको लेकर अडानी समूह से भी बात कि जा रही है. जिसके बाद उन्होंने इस बात को भी गलत करार दिया कि अडानी ग्रुप से प्रोजेक्ट को लेकर चल रही बातचीत में कोई बाधा सामने आई है. उन्होंनें कहा कि केंद्र सरकार ने ताजपुर पोर्ट प्रोजेक्ट के लिए कुछ स्पष्टीकरण मांगे हैं और गृह मंत्रालय ने सशर्त सुरक्षा मंजूरी प्रदान की है.
अडानी समूह को देने की घोषणा
शशि पांजा ने कहा कि पहले जो लेटर ऑफ़ इंटेंट जारी किया गया था, वो अस्थायी था. जो सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को दिया गया था. लेकिन पिछले वर्ष कोलकाता में ममता बनर्जी ने बिजनेस समिट का आयोजन किया था, और उस समय ताजपुर पोर्ट का काम अडानी समूह को देने की घोषणा की गई थी. जिसमें अडानी का 25000 करोड़ का निवेश का रास्ता साफ हो गया था.