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- Thu, 21st Nov, 2024
नए मोटर व्हीकल ऐक्ट के तहत दुर्घटना होने पर चालकों के लिए जुर्माना और सजा का निर्देश जारी किया गया है। इसके विरोध में ट्रक और बसों के चालकों ने चक्का जाम कर रखा है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हड़ताल के कारण लोग परेशानी के जुझ रहें हैं। इसकी वजह से विभिन्न राज्यों में पेट्रोल-डीजल, फल-सब्जी जैसी बेहद जरूरी चीजें नहीं पहुंच रही हैं, जिसके चलते इन सभी के दाम बढ़ गए हैं। कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल पंप ड्राई होने की खबरें हैं। यहां लोगों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं।
नए और पुराने कानून में क्या फर्क
पुराने कानून में अगर कोई ट्रक चालक दुर्घटना करता है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत मामला दर्ज किया जाता था। इसके तहत ट्रक चालकों को 2 साल की सजा का प्रावधान था। वहीं, अगर नए कानून की बात करें तो अब कोई ट्रक चालक दुर्घटना कर मौके से भागता है तो उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता सेक्शन 104 (2) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। इसमें ट्रक चालक पर दस साल की सजा का प्रावधान किया गया है। हालांकि, यह ऐक्ट अभी लागू नहीं हुआ है। इसके विरोध में पूरे देश में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। दरअसल, ड्राइवर हादसे के बाद मौके पर रहे तो भीड़ की हिंसा का शिकार हो सकते हैं। ज्यादातर ड्राइवर गरीब होते हैं और जुर्माने की राशि बहुत ज्यादा है।
आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए केंद्रीय गृह सचिव ने उनके साथ बैठक की। बैठक और वार्ता का नतीजा भी तत्काल देखने को मिला। अब ट्रांसपोर्टर तत्काल ड्यूटी पर लौटेंगे। उन्होंने ड्राइवरों से कहा, आप सिर्फ हमारे ड्राइवर नहीं, सैनिक हैं। हम नहीं चाहते कि आप किसी भी असुविधा का सामना करें। उन्होंने कहा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वस्त किया है कि सरकार, कानून के तहत 10 साल की सजा और जुर्माने के प्रावधान पर रोक लगाएगी।
TNP न्यूज़ से निवेदिता राय की रिपोर्ट