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- Thu, 21st Nov, 2024
देश के किसान अपनी मांगों के लिए आज से एक बार फिर अपना आंदोलन तेज कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि आज से किसान तेजी से दिल्ली की ओर कूच करेंगे, इसलिए किसान आंदोलन पर ही रहेंगे और चलो दिल्ली का नारा लगाते हुए आज से आंदोलन तेज करेंगे. बता दें कि केंद्र सरकार और किसान यूनियन के बीच बैठक एक बार फिर बेनतीजा रही है. मोदी सरकार के प्रस्ताव को किसान संगठनों ने मंजूरी नहीं दी है, इसलिए उन्होंने आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है.
केंद्र और किसानों में क्यों बढ़ा गतिरोध?
सुबह जब किसान दिल्ली बॉर्डर की ओर आगे बढ़े तो उन पर आंसू गैस के गोले दागे गए. जिसके चलते वहां जमकर बवाल देखने को मिला है. वहीं इस बीच, किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि किसान आगे न बढ़ें. सूत्रों की मानें तो जिस तरह किसान लगातार मांगों पर फौरन कार्रवाई चाहते हैं वह भी एक गतिरोध का विषय है. ऐसा इसलिए क्योंकि कई मांगे ऐसी हैं जिन पर अमल से पहले नियम और कानूनों देखने पड़ेंगे. बातचीत के दौरान किसानों से सरकार की तरफ से कहा गया कि किसानों को पंजाब में पहले ही बिजली मुफ्त मिल रही है तो उनको 2013 के बिजली संशोधित कानून से दिक्कत क्या है. फिर भी अगर किसान चाहते हैं कि उसमें बदलाव हो तो उसके लिए भी कुछ वक्त देना होगा.
बातचीत में किसानों से मोदी सरकार ने कही यह बात
वहीं केंद्र ने किसानों से बातचीत के दौरान कहा कि सरकार ऐसी सभी उपज (खास तौर पर दालें) को पूरी तरह खरीदने और एमएसपी देने को तैयार है जिनको सरकार बड़े पैमाने पर आयात करने वाली है और इसमें दालें प्रमुख हैं. हालांकि, इसके लिए किसानों को ऐसी फसलें अधिक उपजाना भी होगा. अब इस पर केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने एक्स (टि्वटर) पोस्ट के जरिए कहा- सरकार चौथे दौर के बाद 5वें दौर में सभी मुद्दों (जैसे- एमएसपी की मांग, क्रॉप डायवर्सिफिकेशन, पराली के विषय और किसानों के खिलाफ एफआईआर आदि) पर बातचीत के लिए तैयार है. मैं दोबारा किसान नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित करता हूं. हमें शांति बनाए रखना जरूरी है.