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- Thu, 21st Nov, 2024
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में लगातार विकास हो रहा है. इस क्षेत्र में हर दिन नए बदलाव हो रहे हैं. भारत में भी इस क्षेत्र में लगातार प्रगति हो रही है. अब भारत में भी शिक्षा के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग किया जा रहा है. इसी क्रम में अब केरल पहला राज्य बन गया है जहां एआई की मदद से शिक्षा दी जाती है. इसके लिए ह्यूमनॉइड रोबोट का इस्तेमाल किया जा रहा है. जेनेरेटिव एआई स्कूल टीचर को पिछले महीने ही स्कूल में जोड़ा गया है. जीटा छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय है.
केरल के तिरुवनंतपुरम के केटीसीटी हायर सेकेंडरी स्कूल में साड़ी सिलने वाली महिला टीचर रोबोट का नाम 'एरिस' है. इस रोबोट में कई खूबियां हैं. एआई रोबोट लाने वाली कंपनी मेकरलैब्स एडुटेक के मुताबिक, आइरिस केरल की नहीं बल्कि देश की पहली जेनेरेटिव एआई टीचर हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक एरिस तीन भाषाएं बोल सकती हैं. यह छात्रों के कठिन सवालों का भी जवाब दे सकता है. एरिस का ज्ञानकोष चैटजीपीटी जैसी प्रोग्रामिंग के साथ बनाया गया है. यह अन्य स्वचालित शिक्षण उपकरणों की तुलना में बहुत व्यापक है.
केटीसीटी हाई स्कूल, तिरुवनंतपुरम ने मेकर्सलैब एजुकेट कंपनी के सहयोग से रोबोटिक्स और जेनरेटिव एआई तकनीक की मदद से एरिस विकसित किया. इस परियोजना को नीति आयोग द्वारा 2021 में लॉन्च की गई 'अटल टिंगरिंग लैब' के तहत लागू किया गया है. आइरिस को हाल ही में पेश किया गया है.
विशेषताएं क्या हैं?
छात्रों को तीन अलग-अलग भाषाओं में पढ़ाता है. यह जटिल प्रश्नों का भी उत्तर देता है. वॉयस असिस्टेंट की मदद से इंटरैक्टिव लर्निंग पर ध्यान केंद्रित किया गया है. छात्रों को नई तकनीकों और एआई के बारे में जानकारी देता है.