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- Thu, 21st Nov, 2024
भारत ने सोमवार को स्वदेश निर्मित अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद सोशल मीडिया पोस्ट में इसकी जानकारी देते हुए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी . अग्नि-5 एमआईआरवी तकनीक वाली परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल है. ये भारत के दुश्मनों के लिए एक चेतावनी है. इस मिसाइल के सफल परीक्षण से चीन-पाकिस्तान ही नहीं बल्कि आधी दुनिया भारत के मंच पर आ गई है.
भारत के पास अग्नि श्रृंखला की 1 से 5 मिसाइलें हैं, जिनमें से प्रत्येक की रेंज अलग-अलग है. अग्नि-5 सबसे खतरनाक है. अग्नि-5 5 हजार किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। भारत पिछले कुछ दिनों से इस मिसाइल के परीक्षण की तैयारी कर रहा है. यह परीक्षा कब होगी? इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. बताया गया कि इस मिसाइल का परीक्षण 16 मार्च तक डीआरडीओ द्वारा किया जाएगा. इसके लिए ओडिशा के तट के पास एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से 3500 किमी तक के क्षेत्र को नो फ्लाई जोन घोषित किया गया था.
चीन के बीजिंग तक कब तक पहुंचेगी ये मिसाइल?
रेंज और गति अग्नि-5 मिसाइल की पहचान हैं. यह मिसाइल चंद मिनटों में चीन-पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा सकती है. दिल्ली से बीजिंग की दूरी 3791 किमी है. अग्नि-5 मिसाइल को यह दूरी तय करने में सिर्फ 12.63 मिनट का समय लगेगा. अग्नि-5 महज डेढ़ मिनट में पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद पहुंच जाएगी. इसका मतलब है कि अग्नि-5 मिसाइल नई दिल्ली से इस्लामाबाद तक की 679 किलोमीटर की दूरी सिर्फ डेढ़ मिनट में तय कर लेगी. इसकी सीमा को देखते हुए पाकिस्तान के बाद अफगानिस्तान और ईरान को निशाना बनाया जा सकता है.
क्या है अग्नि-5 की खासियत?
अग्नि-5 एक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है. अग्नि-5 परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। थर्मोबेरिक बम को साधारण भाषा में वैक्यूम बम कहा जाता है. यह बम दुश्मन का दम घोंटने की क्षमता रखता है. इस मिसाइल से इस बम को भी लॉन्च किया जा सकता है. एक बार में 2490 किलोग्राम का पेलोड ले जाने में सक्षम है.
एमआईआरवी तकनीक क्या है?
अग्नि-5 में MIRV मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल तकनीक है. यह तकनीक एक साथ कई लक्ष्यों पर हमला कर सकती है। इस मिसाइल की गति 6 किमी प्रति सेकंड है. लक्ष्य के 40 मीटर भीतर गिरने के बाद भी यह मिसाइल दुश्मन को पूरी तरह से नष्ट कर सकती है. अग्नि-5 में रिंग लेजर जायरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम है, जिससे मिसाइल हवा में अचानक रास्ता भी बदल सकती है.