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- Thu, 21st Nov, 2024
भारत की आर्थिक प्रगति तेजी से आगे बढ़ रही है. भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में शीर्ष पांच में है. भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने की राह पर है. वहीं, देश में धनकुबेरों की संख्या भी बढ़ी है. भारत में सुपर रिच यानी एक हजार करोड़ से ज्यादा की संख्या वाले धनकुबेर बढ़ गए हैं. पिछले पांच साल में इन धनकुबेरों की संख्या में 75 फीसदी का इजाफा हुआ है.
हूरों इंडिया रिच लिस्ट
ह्यूरन इंडिया रिच लिस्ट प्रकाशित हो चुकी है. इस लिस्ट में भारत के 1,319 लोगों के पास एक हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है. पहली बार भारत में इतनी बड़ी संख्या में धनकुबेर बढ़े हैं. इससे पहले ह्यूरन इंडिया रिच लिस्ट 2023 में भारत में 1000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति वाले लोगों की संख्या 216 बढ़ गई थी. लेकिन अब यह बढ़कर 76 फीसदी हो गया है.
भारतीय पेशेवरों में बढ़ा आत्मविश्वास
भारत में करोड़पतियों की संख्या बढ़ती जा रही है. इस बारे में बात करते हुए हुरुन ग्लोबल के चेयरमैन रूपर्ट हुगवर्फ का कहना है कि भारतीय कारोबारी दुनिया के अन्य देशों के कारोबारियों से ज्यादा आश्वस्त हैं. नया साल उनके लिए और भी बेहतर रहने वाला है. लेकिन वहीं दूसरी ओर चीनी व्यापारियों के लिए यह साल अच्छा नहीं रहेगा. यूरोप में भी कोई आशावाद नहीं है.
भारत और चीन में क्या अंतर?
भारत और चीन के अमीरों की तुलना करते हुए हुगवेर्फ़ कहते हैं कि दोनों देशों की अमीरों की सूची में अंतर है. भारत में पारिवारिक संरचना है. उनका बिजनेस साम्राज्य सालों से चला आ रहा है. लेकिन चीन में परिवार-आधारित परिवार दुर्लभ हैं. हुगवर्फ का कहना है कि पारिवारिक व्यवसाय भारत के लिए दोधारी तलवार हैं.
आने वाले वर्षों में दो क्षेत्रों में धनकुबेर बढ़ेंगे. इसमें पहला सेक्टर है AI. दूसरा क्षेत्र इलेक्ट्रिक वाहन होने जा रहा है. AI से अब कई कंपनियों को फायदा हुआ है. माइक्रोसॉफ्ट की वैल्यू 800 अरब डॉलर बढ़ गई है. चीन ने इलेक्ट्रिक वाहनों में उल्लेखनीय प्रगति की है.