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- Thu, 21st Nov, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने RRTS प्रोजेक्ट के लिए फंड ट्रांसफर न करने के मामले में दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. वहीं चेतावनी देते हुऐ सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा अगर एक सप्ताह में फंड ट्रांसफर नहीं किया गया तो सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली सरकार के विज्ञापन फंड को आरआरटीएस प्रोजेक्ट के लिए जारी करने का आदेश दे देगी. आपको बता दें कि दिल्ली और मेरठ के बीच रैपिड रेल प्रोजेक्ट बनाया जा रहा है. जिस पर दिन रात काम चल रहा है. जिसके लिए दिल्ली सरकार को फंड का भुकतान करना है
क्या है आरआरटीएस प्रोजेक्ट
रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम यानि आरआरटीएस प्रोजेक्ट है. जिसमें सरकार ने दिल्ली से मेरठ जानें कि सुविधा के लिए हाईस्पीड ट्रेन चलाना का फैसला किया है जिस पर अभी भी काम चल रहा है. हांलाकि इस प्रोजेक्ट की शुरूआत तो हो चुकी है लेकिन दिल्ली सरकार ने अभी तक इसका फंड रिलीज नही किया है. जबकि इस प्रोजेक्ट को 2024 तक पूरा निपटाना है. लेकिन अभी तक इस प्रोजेक्ट का काम दिल्ली निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से युपी के दुहाई तक पूरा हो चुका है.
कड़ी चुनौतियों से घिरा दिल्ली सरकार
इस मामले मे कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लिया है. कोर्ट ने कडी फटकार लगाते हुऐ दिल्ली सरकार से कहा है, आपकी तरफ रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए भुगतान कि चुनाव रखा गया था. आपको बताया भी गया था कि अगर भुगतान नहीं किया गया तो विज्ञापन के बजट को जब्त कर लिया जाएगा. कोर्ट आपको एक हफ्ते का वक्त दे रहा है. अगर एक हफ्ते में फंड का भूकतान नही किया गया तो अदालत विज्ञापन के बजट को जब्त कर लेगी. ऐसे हालात में दिल्ली सरकार कड़ी चुनौतियों से घिरी है, अब देखना ये है कि क्या दिल्ली सरकार का क्या फैसला होगा.
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रैपिड ट्रेन का क्या है फायेदा
इस ट्रेन के प्रोजेट के पूरा होते ही लाखों लोगों को फायदा होगा क्योकि लांखों मेरठ से दिल्ली और दिल्ली से मेरठ नौकरीयां करते है. उन सभी को इसके ट्रेन का भरपूर लाभ मिल पायेंगा. लेकिन अभी तक 17 किलोमीटर लंबा ट्रैक ही चालू हो पाया है. जानकारी के मुताबिक इस ट्रेन की स्पीड 180 किलोमीटर प्रतिघंटे है. जो दिल्ली से मेरठ का सफर सिर्फ आधे गंटे के समय तय करेगी. इस ट्रेन का फायदा तकरीबन 8 लाख लोग लाभ उठाएंगे.