TNP न्यूज़ से निवेदिता राय की रिपोर्ट
- 34ºc, Sunny
- Thu, 21st Nov, 2024
तमिलनाडु के कैबिनेट मंत्री वी सेंथिल बालाजी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले के चलते सेंथिल बालाजी को राज्य मंत्रिमंडल से हटाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के लिए भी बड़ी राहत लेकर आया है। जहां बीजेपी की सरकार नहीं है।
बर्खास्त करने की शक्ति राज्य के मुख्यमंत्री के पास
कोर्ट ने साफ कर दिया है कि मंत्रियों को बर्खास्त करने की शक्ति राज्य के मुख्यमंत्री के पास है। तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी को 14 जून को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। उधर राज्यपाल आरएन रवि ने 29 जून 2023 को जेल में बंद वी सेंथिल बालाजी को तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया था। राज्यपाल ने सेंथिल को बर्खास्त करने के लिए CM एमके स्टालिन से भी राय-मशविरा नहीं किया। राज्यपाल के इस फैसले के खिलाफ स्टालिन ने कहा था कि हम राज्यपाल के फैसले को कोर्ट में चुनौती देंगे। राज्यपाल को मंत्री को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है। लंबे समय तक इस मामले को लेकर माथापच्ची होती रही।
नौकरी के बदले नकदी घोटाले का आरोप
आपको बता दूं कि वी सेंथिल बालाजी साल 2011 और 2015 के बीच अन्नाद्रमुक के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार में परिवहन मंत्री थे। उनपर ये आरोप है कि अपने कार्यकाल के दौरान वे नौकरी के बदले नकदी घोटाले में शामिल थे। बाद में वे द्रमुक में शामिल हो गए और 2021 में मंत्री बने। वहीं उधर चेन्नई के सामाजिक कार्यकर्ता ने मद्रास हाईकोर्ट में यह याचिका दाखिल की थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। तब कोर्ट ने साफ किया था कि मुख्यमंत्री यह तय कर सकते हैं कि मंत्री बालाजी को राज्य मंत्रिमंडल में रखा जाना चाहिए या नहीं। हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने चुनौती दी गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। बहरहाल, जहां सुप्रीम कोर्ट का फैसला गैर बीजेपी सरकार वाले राज्यों और उनके मुख्यमंत्रियों के लिए एक बड़ी राहत है तो वहीं बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका भी है। क्योंकि बीजेपी पर तमाम ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि गैर बीजेपी शासन वाले राज्यों में राज्यपाल अपने पद का गलत उपयोग करते हैं।
TNP न्यूज़ से निवेदिता राय की रिपोर्ट