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- Thu, 21st Nov, 2024
भाजपा ने पिछले सप्ताह 195 लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा की. इसमें मुख्य रूप से उत्तर भारत के कई महत्वपूर्ण लोकसभा क्षेत्र शामिल थे. मध्य प्रदेश में बीजेपी ने कट्टर हिंदू नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर को टिकट नहीं दिया है. उनकी जगह आलोक शर्मा को भोपाल लोकसभा से उम्मीदवार बनाया गया. जब केंद्र की मोदी सरकार हिंदुत्व के एजेंडे को जोर-शोर से आगे बढ़ा रही थी, तब साध्वी प्रज्ञा की उम्मीदवारी खारिज करना कई लोगों के लिए आश्चर्य की बात थी. इसके बाद साध्वी प्रज्ञा ने सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. वही साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की मुश्किलें अब बढ़ने की संभावना है. साध्वी प्रज्ञा 2008 मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी हैं. इस मामले में कोर्ट ने एक बार फिर उनके खिलाफ वारंट जारी किया है.
मुंबई में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने साध्वी प्रज्ञा सिंह के खिलाफ वारंट की घोषणा की है. मालेगा बम ब्लास्ट मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में साध्वी प्रज्ञा अनुपस्थित रहीं. इसलिए एनआईए कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ वारंट जारी किया है. कोर्ट ने 10 हजार रुपये के इस जमानती वारंट को 20 मार्च तक तामील करने का आदेश दिया है. अंतिम उत्तर पंजीकरण प्रक्रिया से साध्वी प्रज्ञा अनुपस्थित हैं. इसके चलते अन्य आरोपियों की शिकायत है कि इस मामले के फैसले में देरी हो रही है. इस पर संज्ञान लेते हुए विशेष अदालत ने साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ वारंट जारी किया है.
लोकसभा उम्मीदवारी ठुकराने के बाद क्या बोलीं साध्वी प्रज्ञा?
भोपाल लोकसभा क्षेत्र से भाजपा द्वारा उम्मीदवारी खारिज किए जाने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने खुलकर अपनी नाराजगी तो जाहिर नहीं की, लेकिन उन्होंने खेद जरूर जताया. उन्होंने कहा था कि यह पार्टी संगठन का फैसला है. पार्टी ने नामांकन क्यों नहीं दिया और क्यों? इसके बारे में मत सोचो. साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि मैंने 2019 में भी उम्मीदवारी नहीं मांगी थी और अब भी नहीं मांगी है. इस मौके पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया. ठाकुर ने कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाला नाथूराम गोडसे एक देशभक्त है. उनके इस बयान के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सार्वजनिक रूप से अपनी असहमति व्यक्त की. इस घटना के बारे में बात करते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि जिन शब्दों का मैंने प्रयोग किया वो शायद पीएम मोदी को पसंद नहीं आए होंगे. उन्होंने कहा कि वह मुझे माफ नहीं करेंगे. हालाँकि, मैंने उनसे माफ़ी मांगी. विपक्ष और कांग्रेस को मेरा सच बोलना पसंद नहीं है. साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि जब मैं कुछ कहती हूं तो वे इसका फायदा उठाकर मोदी के खिलाफ बोलते हैं.