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- Thu, 21st Nov, 2024
पश्चिम बंगाल विधानसभा से बीजेपी के 6 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. इनमें नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी, अग्निमित्र पाल, शंकर घोष, तापसी मंडल, बंकिम घोष और मिहिर गोस्वामी का नाम शामिल है. वहीं इस मामले में अधिकारियों ने बताया कि ये कार्रवाई संदेशखाली हिंसा के खिलाफ बोलने को लेकर की गई है. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो विधायकों का सस्पेंशन विधानसभा के अंदर अनुशासनहीता और शोर-शराबे को लेकर किया गया है. बता दें कि विधायकों का सस्पेंशन राज्य विधानसभा के नियम 348 के तहत लिया गया है.
यह प्रस्ताव पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्य सोवन्देब चट्टोपाध्याय द्वारा पेश किया गया है. साथ ही स्पीकर के जरिए सदन के समक्ष रखा गया है. इसके सात ही विधायकों के सस्पेंशन का प्रस्ताव पारित हो गया है. वहीं इस पर तृणमूल कांग्रेस के विधायक और मंत्री सोवनदेव चट्टोपाध्याय ने बताया कि बीजेपी के छह विधायकों को निलंबित किया जाना चाहिए. मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान सत्र के बची हुई अवधि से विधायकों को निलंबित किया गया है.
इस पर नेता प्रतिपक्ष सुभेंदु अधिकारी ने बताया कि बीजेपी हमेशा से महिलाओं के सम्मान को लेकर अवाज उठाती रहेगी. आगे उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा, 'हम संदेशखाली में हुई घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. हम लोग सदन के वेल में पहुंचे और अपनी आवाज उठाई.' उन्होंने कहा, 'हालांकि, हमें विधानसभा के मौजूदा सत्र से सस्पेंड कर दिया गया. यह सस्पेंशन हमारे लिए एक गिफ्ट है क्योंकि हम अपनी माताओं और बहनों के सम्मान की रक्षा करने की कोशिश कर रहे थे.'
क्या हुआ संदेशखाली में
बता दें कि पश्चिम बंगाल के 24 परगना स्थित संदेसखाली में 10 फरवरी के दिन हिंसक विरोध प्रदर्शन की घटना देखने को मिली. दरअसल यहां की स्थानीय महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के फरार नेता शेख शाहजहां के गिरफ्तारी को लेकर जुलूस निकाला था. वहीं इस हिंसक जुलूस को देखते हुए संदेशखाली में धारा 144 लागू कर दी गई.
TNP न्यूज़ से DIMPLE YADAV की रिपोर्ट.