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- Thu, 21st Nov, 2024
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने खातों में मिनिमम बैलेंस को लेकर नया नियम लागू किया है. यदि आप बैंक अकाउंट यूज नहीं करते हैं तो आपको मिनिमम बैलेंस चार्ज नहीं देना पड़ेगा. इसके साथ ही आरबीआई ने बताया कि उन खातों पर मिनिमम बैलेंस मेंटनेंस ना करने के लिए पेनाल्टी नहीं लगा सकते हैं, जो खाते निष्क्रिय हो चुके हैं. वहीं इनमें उन खातों को भी शामिल किया गया है. जिसमें 2 साल से अधिक तक को लेन देन नहीं हुआ है. ये नया रूल 1 अप्रैल से लागू हो जाएगा.
RBI के नए नियम में और क्या
इसके साथ ही आरबीआई ने कहा कि बैंक स्कॉलरशिप या डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर पाने के लिए खोले गए खातों को निष्क्रिय के रूप में क्लासिफाई नहीं किया जा सकता हैं. इन खातों का इस्तेमाल भले ही दो साल से अधिक समय तक नहीं किया गया हो. वहीं आरबीआई का निष्क्रिय खातों के लिए एक सर्कुलर जारी हुआ है. जिसके जरिए बैंकों को निर्देश दिए गए हैं.आरबीआई ने अपने सर्कुलर में बताया कि इन निर्देशों से बैंकिंग सिस्टम में अनक्लेम्ड डिपॉजिट को कम करना और ऐसी रकम को उनके सही दावेदारों को वापस करने की कोशिश की जा रही है.
कस्टमर से कैसे संपर्क करें बैंक
आरबीआई के नए नियम के मुताबिक बैंकों को कस्टमर को एसएमएस, लेटर या मेल के जरिए उनके खातों को निष्क्रिय होने की जानकारी देनी होगी. इस सर्कुलर में बैंकों से ये भी कहा गया है कि अगर कोई निष्क्रिय खाते का मालिक जवाब नहीं देता है तो बैंक उस व्यक्ति से संपर्क करें, जो खाताधारक या खाताधारक के नॉमिनी का परिचय कराया था.
अकाउंट एक्टिव करने के लिए नहीं देना पड़ेगा कोई चार्ज
आरबीआई के नए सर्कुलर के मुताबिक बैंकों को निष्क्रिय किए गए खातों में मिनिमम बैलेंस मेनटेन नहीं करने पर पेनाल्टी लगाने की इजाजत नहीं दी गई है.नियम के मुताबिक निष्क्रिय खातों को एक्टिव करने के लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा. आरबीआई की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2023 तक अनकलेम्ड डिपॉजिट में 28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और ये 42272 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है. वो डिपॉजिट अकाउंट्स, जो 10 साल या उससे अधिक समय से ऑपरेट नहीं किया गया है, उसके बैलेंस को बैंक आरबीआई की डिपॉजिटर और एजुकेशन अवेयरनेस फंड में ट्रांसफर करेंगे.