- 34ºc, Sunny
- Thu, 21st Nov, 2024
सीबीआई ने इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड प्रमोशन डिपार्टमेंट के पूर्व सचिव रमेश अभिषेक के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते भ्रष्टाचार से जुड़ा एक मामला दर्ज किया है. इसके साथ ही अभिषेक पेटीएम पेमेंट के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर भी है. वहीं मामले को दर्ज करने के बाद जांच एजेंसी के द्वारा 20 फरवरी को रमेश अभिषेक के दिल्ली स्थित घर सहित कई लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन की कार्रवाई को अंजाम दिया.
जानें क्या है मामला
वहींं अगर बात करें इस मामले की तो जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है की ये भ्रष्टाचार से जुड़ा एक पूराना मामला था. उस मामले की शुरुआती तफ्तीश करने के बाद जांच एजेंसी के द्वारा एफआईआर दर्ज किया गया है. रमेश अभिषेक के घर पर सर्च ऑपरेशन के दौरन कई जरूरी दस्तावेजों और सबूतों सहित कई इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस मिले है. इसके आधार पर ही इस मामले में लिप्त आरोपियों को समन भेजा जाएगा. साथ ही बयान दर्ज करके आगे की तफ्तीश की जाएगी .
मिली जानकारी के मुताबिक रमेश अभिषेक के यूपीए सरकार के दौरान कई बड़े राजनेताओं के साथ बेहद करीबी संबंध रहे हैं. वहीं सूत्रों की मानें तो मामले की तफ्तीश के दौरान कई ऐसे सबूत और दस्तावेज मिले हैं जिसका भ्रष्टाचार से जुड़ा कनेक्शन सीधे तौर पर सामने आया है. फिलहाल अभी इस मामले में विस्तार से तफ्तीश की जा रही है. वहीं आने वाले दिनों में कई खुलासे देखने को मिल सकता है. इस मामले से जुड़ें एक सुत्र की मानें तो रमेश अभिषेक के खिलाफ एक मामला लोकपाल के सामने भी आया था , जिसके बाद जांच एजेंसी इस मामले में हरकत में आई थी. वहीं शुरूआती जांच में ये मामला भी सामने आया था कि रमेश अभिषेक की अवैध तौर पर अर्जित संपत्ति से जुड़ा हुआ है.
कौन हैं रमेश अभिषेक
बता दें कि रमेश अभिषेक 1982 बैच के बिहार कैडर के IAS अधिकारी हैं. साथ ही ओडिशा के रहने वाले हैं. उनके खिलाफ मई, 2019 में लोकपाल से शिकायत की गई थी. लोकपाल की तीन मेंबर वाली बेंच ने अपनी जांच के बाद 2 फरवरी 2022 और 3 जनवरी 2023 को ED को अभिषेक के खिलाफ जांच करने का निर्देश दिया था. लोकपाल की बेंच में जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष, दिनेश कुमार जैन और इंद्रजीत गौतम शामिल थे. बेंच ने ED को 7 मार्च 2003 तक जांच पूरी करने के लिए कहा था.