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- Thu, 21st Nov, 2024
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. शनिवार शाम को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से जियोसिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल F14 (GSLV-F14) पर INSAT-3DS मौसम उपग्रह लॉन्च किया गया. शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे उल्टी गिनती शुरू हो गई. तीसरी पीढ़ी का मौसम पूर्वानुमान उपग्रह इन्सैट-3डीएस सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया गया.
मिशन का उद्देश्य क्या है?
उपग्रह को उन्नत मौसम संबंधी जानकारी, मौसम की भविष्यवाणी, भूमि और समुद्र की सतह की निगरानी, आसन्न संकटों की चेतावनी, उपग्रह सहायता प्राप्त अनुसंधान के लिए मौजूदा उपग्रहों INSAT-3D और INSAT-3DR की निरंतर सर्विसिंग प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. लगभग 20 मिनट की उड़ान के बाद तीन चरणों के बाद INSAT-3DS रॉकेट से अलग हो गया. 1 जनवरी को PSLV-C58/एक्सपोसेट मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद 2024 में यह इसरो का दूसरा बड़ा मिशन है.
INSAT-3DS का जीवनकाल लगभग 10 वर्ष
भूविज्ञान मंत्रालय के विभिन्न विभाग और संगठन जैसे भारत मौसम विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र मौसम पूर्वानुमान प्रदान करते हैं. हालाँकि, उनकी भविष्यवाणियाँ अक्सर गलत होती हैं. ऐसे में इसरो ने दावा किया है कि INSAT-3DS द्वारा दी गई जानकारी सटीक होगी. साथ ही इसरो ने बताया है कि INSAT-3DS का जीवन लगभग 10 साल होगा.
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि जीएसएलवी को अगले एनआईएसएआर मिशन में तैनात किया जाएगा. यह अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी और नासा के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास है। इस सफलता ने अंतरिक्ष एजेंसी को और अधिक आत्मविश्वास दिया है. हमें यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि हमने INSAT-3DS3 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है. यह सैटेलाइट अपनी कक्षा में स्थापित हो गया है. उनका प्रदर्शन अच्छा है. उन्होंने यह भी कहा कि मैं इस काम में लगे सभी लोगों को बधाई देता हूं.
इसरो की इस सफलता पर केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, मौसम उपग्रह का सफल प्रक्षेपण एक सुखद घटना है. पीएम मोदी के नेतृत्व में इसरो कई इतिहास रच रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में इसरो से जुड़ना गर्व की बात है.
TNP न्यूज़ से DIMPLE YADAV की रिपोर्ट.