- 34ºc, Sunny
- Thu, 21st Nov, 2024
विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय जापान के दौरे पर हैं। उन्होंने टोक्यो में एक थिंक टैंक कार्यक्रम रायसीना राउंडटेबल में भाग लिया. उस वक्त जयशंकर ने चीन की नापाक हरकतों का जिक्र किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि चीन ने भारत के साथ लिखित समझौते का उल्लंघन किया है. विदेश मंत्री ने 2020 में सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया.
जयशंकर ने बदलती विश्व व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा की. साथ ही कहा कि “भारत-प्रशांत क्षेत्र में सत्ता परिवर्तन एक बड़ी वास्तविकता है. जैसे-जैसे आपकी क्षमताएं और प्रभाव बदलते हैं, वैसे-वैसे महत्वाकांक्षाएं भी बदलती हैं. आपको क्या पसंद है और क्या नहीं? ये बात नहीं है. हर किसी को तथ्यों का सामना करना होगा.
आप कई बातों पर असहमत हो सकते हैं, लेकिन...
भारत-चीन संबंधों के बारे में बोलते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, ''1975 से 2020 तक 45 वर्षों में कोई सीमा हिंसा नहीं हुई है. लेकिन 2020 में सब कुछ बदल गया” “आप कई बातों पर असहमत हो सकते हैं, लेकिन जब कोई देश अपने पड़ोसी के साथ लिखित समझौते का पालन नहीं करता है, तो दोनों देशों के बीच संबंधों की स्थिरता पर सवाल उठना स्वाभाविक है. जयशंकर ने कहा, ईमानदारी से कहूं तो यह मकसद पर सवाल उठाता है.
चीन को भारत का करारा जवाब
5 मई 2020 को पैंगोग झील के पास इलाके में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसके बाद दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर तनाव पैदा हो गया. भारत ने भी चीन को यही जवाब दिया. फिर जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण संघर्ष छिड़ गया. दोनों देशों के बीच रिश्ते खराब हो गए. कई दशकों के बाद भारत और चीन की सेनाओं के बीच इतनी हिंसक झड़प हुई थी. खींचतान की इस हरकत पर भारत ने साफ कहा था कि 'जब तक सीमा क्षेत्र में शांति स्थापित नहीं हो जाती, दोनों देशों के बीच रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते.'