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एक तरफ जहां लोकसभा की तारीखों का कभी भी ऐलान हो सकता है और आचार संहिता लगने की आशंका है, ऐसे में एक बड़ी खबर सामने आ रही है. केंद्रीय चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इसे मंजूरी दे दी. तीन सदस्यीय चुनाव आयोग (भारत निर्वाचन आयोग) में एक आयुक्त का पद पहले से ही खाली था. अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद अब आयोग में सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त ही बचे हैं. दिलचस्प बात यह है कि कार्यकाल खत्म होने से तीन साल पहले अरुण गोयल का इस्तीफा चर्चा में है.
21 नवंबर 2022 को अरुण गोयल को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया. उन्होंने पहले भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य किया है. उनके इस्तीफे के बाद अब लोकसभा चुनाव का भार मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार पर पड़ेगा.
कौन हैं अरुण गोयल?
फिलहाल अरुण गोयल का कार्यकाल 2027 तक बचा हुआ था. लेकिन तीन साल पहले उनके इस्तीफा देने के बाद से इस पर चर्चा हो रही है. अरुण गोयल 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने 18 नवंबर 2022 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और एक दिन बाद उन्हें चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया. उनकी नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया कि अरुण गोयल की नियुक्ति कानून के मुताबिक नहीं है. इसे चुनाव आयोग की स्वायत्तता का उल्लंघन भी बताया गया. अरुण गोयल के कार्यकाल को लेकर भी चिंता व्यक्त की गई. हालांकि, एडीआर की इस याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया.