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- Thu, 21st Nov, 2024
वाराणसी की चर्चित ज्ञानवापी मस्जिद केस में ASI टीम ने 1500 पन्नों की रिपोर्ट को आज (18 दिसंबर) कोर्ट में पेश किया है. ASI की टीम ने ये सर्वे रिपोर्ट जिला जज की अदालत को सौंपी है. दरअसल ये सारी जद्दोजहद सिर्फ इस बात के ऊपर की जा रही है कि हिंदू पक्ष का मानना है कि यहां मंदिर को तोड़कर इस मस्जिद का निर्माण कराया गया था. हालाकि अब अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होनी है. बता दें कि इस मामले में हिंदू पक्ष ने रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की अपील की है. वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील ने रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने का विरोध जताया है.
आखिर क्या है ज्ञानवापी मामला?
बात साल 1991 की है जब हिंदू समाज के लोगों ने वाराणसी कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, इस याचिका में उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर पूजा करने की कोर्ट ने अनुमति मांगी थी. कोर्ट में पेश की गई इस याचिका में हिंदू पक्ष के कुछ पुजारियों ने दावा किया कि 16वीं शताब्दी में मुगल बादशाह औरंगजेब ने यहां काशी विश्वनाथ मंदिर को गिराया था. जिसके बाद उसने यहां मस्जिद आबाद की थी.
जानें क्या है इन 1500 पेज की सर्वे रिपोर्ट में
अब इस ज्ञानवापी मामले में ASI ने वाराणसी के जिला जज को एक रिपोर्ट सौंपी है. जानकारी के मुताबिक यह रिपोर्ट 1500 पेज से ज्याद की है. इस रिपोर्ट के अंदर ज्ञानवापी के सर्वे से जुडे सारे मुद्दे सूचीबद्ध किये गए हैं. वहीं ASI को इस सर्वे के दौरान खंडित मूर्तियां, घड़ा, कुछ चिह्न जैसे 200 से ज्यादा अवशेष मिले थे इन सभी अवशेषों को डीएम की निगरानी रखा गया जिसके बाद इन सुबूतो को कोर्ट में पेश किया गया.
सील बंद लिफाफे में सौंपी गई रिपोर्ट
बता दे कि ज्ञानवापी परिसर का सर्वे पूरा होंने के बाद आज (18 दिसंबर) सर्वे रिपोर्ट को आखिरकार कोर्ट किया गया है. एएसआई के दिशा निर्देश पर इसे सील बंद कपड़ों में पेश किया. हालांकि इस रिपोर्ट को जिस तरह सील बंद कर कपडे मे पेश किया गया है उस पर हिन्दू पक्ष ने रिपोर्ट पेश करने के तौर-तरीकों पर नाराजगी जताई है.
TNP न्यूज़ से अमजद खान की रिपोर्ट.