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- Thu, 21st Nov, 2024
कब खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट? भगवान भोलेनाथ हमें कब दर्शन देंगे? भक्त इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं. लेकिन अब महादेव के भक्तों के लिए एक बड़ी और अहम खबर है. बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने जानकारी दी है कि केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे. केदारनाथ कैसे पहुंचे? कैसे देखोगे? हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी बताने जा रहे हैं.
कब खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट?
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुताबिक, 2024 में केदारनाथ मंदिर के कपाट खोलने की तारीखों की घोषणा कर दी गई है. अब आप अपने पूरे परिवार के साथ भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर सकते हैं. इस वर्ष श्री केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई को प्रातः 7 बजे से खुलेंगे. श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने केदारनाथ धाम शुरू करने और पंजीकरण को लेकर कई अहम जानकारियां दी हैं. आज के इस आर्टिकल में हम आपको केदारनाथ धाम दर्शन से जुड़ी जानकारी विस्तार से बताने जा रहे हैं.
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की जानकारी
समिति से मिली जानकारी के अनुसार छह मई को पंचमुखी डोली श्री केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी. इसके बाद विभिन्न पड़ावों से होते हुए 9 मई की शाम को केदारनाथ धाम पहुंचेगी. बाबा के दर्शन के लिए आप नवंबर तक यात्रा कर सकते हैं. क्योंकि इसके बाद केदारनाथ धाम 6 महीने के लिए बंद कर दिया जाता है. पिछले साल केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल 2023 को खोले गए थे और 15 नवंबर 2023 को इसे बंद कर दिया गया था। इस दौरान आप महादेव के सबसे खास मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं।
केदारनाथ धाम की यात्रा कैसे करें?
रेल मार्ग - केदारनाथ का निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन केदारनाथ से 216 किमी दूर है।
सड़क मार्ग द्वारा - उत्तराखंड के प्रसिद्ध स्थानों जैसे देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, पुरी, टिहरी, उत्तरकाशी, श्रीनगर और चमोली से गौरीकुंड के लिए बसें और टैक्सियाँ आसानी से उपलब्ध हैं।
गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग 109, जो रुद्रप्रयाग को केदारनाथ से जोड़ता है.
हवाई मार्ग से - केदारनाथ का निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट है जो 238 किमी दूर है.
बद्रीनाथ धाम के कपाट कब खुलते हैं?
बद्रीनाथ धाम के उद्घाटन की तारीख 2024 की भी घोषणा कर दी गई है. बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई 2024 को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 6 बजे खोले जाएंगे. सर्दियों में मंदिर 6 महीने के लिए बंद रहता है. माना जाता है कि भगवान श्री हरि विष्णु इन महीनों के दौरान विश्राम के लिए यहां निवास करते हैं.