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- Thu, 21st Nov, 2024
Farmers Protest: कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन तेज होता जा रहा है. मान जा रहा है कि इसकी गुंज अब दिल्ली तक सुनाई देगी. क्योकि हरियाणा और पंजाब के किसानों अपनी मांगों को लेकर चंडीगढ़ के बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन करते नजर आ रहे है. उम्मीद लगाई जा रही है कि यह विरोध प्रदर्शन तकरीबन तीन दिनों तक चलेगा. इस प्रदर्शन में करीब 7 हजार किसान है. किसानों ने बताया कि इस बार किसान बड़ी तैयारी के साथ आए है. इस धरने में किसानों के 33 संगठनों ने हिस्सा लिया है.
किसानों के वादों पर सरकार की विफलता
इस धरना प्रदर्शन में किसानों का कहना है कि सरकार ने उन्हें लिखित में दिया था कि वह फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून लाएगी, लेकिन अभी तक कुछ भी नही हुआ है. कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पहले भी पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने एक साल से अधिक समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया था.
सरकार ने दिया था किसानों को आश्वासन
दरअसल, पिछले साल नवंबर में पीएम मोदी ने तीनों कानूनों को रद्द करने की घोषणा की थी. जिसके बाद आंदोलन खत्म कर दिया गया था. वही संयुक्त किसान मोर्चा के नेता हन्नान मोल्लाह ने बताया, “उन्होंने हमें लिखित आश्वासन दिया गया और कई मांगों पर सहमति जताई थी. लेकिन बावजूद इसके कुछ भी नहीं किया गया. इस सरकार ने साबित कर दिया है कि उसने देश के किसानों को धोखा दिया है. यह एक देशद्रोह सरकार है. सरकार कॉरपोरेट्स की रक्षा तो कर रहे हैं. लेकिन किसानों कि मांग को लेकर उनका कोई इरादा नहीं है.
आंदोलन लंबा चलने का अंदाजा
माना जा रहा है कि इस बार किसान आंदोलन लंबा चलने वाले है. क्योंकि देखा जा सकता है कि किसान धरना प्रदर्शन करने के लिए इस बार पूरी तैयारी के साथ आए है, किसानों ने अपने खाने-पीने का सारा सामान ट्रैक्टर और ट्रॉलियों में बांध रखा है, जैसे आटे, दाल, सब्जियां साथ ही खाना बनाने के पूरे सामान को लेकर आए है. वही संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार को चेतावनी भी दी है. अब देखना यह है कि सरकार किसानों कि मांगो को आखिर कब तक पूरा करती है....