- 34ºc, Sunny
- Thu, 21st Nov, 2024
ED Raids: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बैंक धोखाधड़ी मामले में चंडीगढ़ की एक दवा कंपनी और उसके प्रवर्तको के खिलाफ धनशोधन मामले में दिल्ली और पंजाब में करीब 1 दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की है. हालांकि इस छापेमारी के दौरान क्या-क्या बरामद किया गया है. इसकी खबर अभी तक नहीं मिल पाई है. इससे पहले भी ईडी ने पैराबोलिक ड्रग्स के प्रमोटर्स विनीत गुप्ता, प्रणव गुप्ता और सीए सुरजीत कुमार बंसल के खिलाफ कार्यवाही करके उन्हें गिरफ्तार किया था. विनीत और प्रणव गुप्ता सोनीपत में एक अशोक विश्वविद्यालय के को-फाउंडर भी हैं.
2021 में सीबीआई ने दर्ज किया था मामला
दरअसल बात 2021 की है जब CBI ने 1,626 करोड़ रु की बैंक धोखाधड़ी में उनके और कंपनी के खिलाफ कार्यवाही कर मामला दर्ज किया था. जिसके बाद इन दोनों ने ही 2022 में अशोक विश्वविद्यालय से इस्तीफा दे दिया था. बीते साल ईडी ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.
कंपनी पर लगे है कई आरोप
हालांकि इस मामले में कई एजेंसीयों ने यह भी दावा किया था कि उनके आदेश और नियंत्रण में ही पैराबोलिक ड्रग्स लिमिटेड ने नकली है. साथ ही एजेंसी ने यह भी बताया कि बंसल ने अपनी चार्टर्ड अकाउंटेंसी फर्म एस. के. बंसल एंड कंपनी के जरिए पैराबोलिक ड्रग्स लिमिटेड ने गलत सर्टिफिकेट हासिल किया है, जिनका इस्तेमाल बैंकों के समूह से ऋण लेने में किया जाता है.
वहीं ईडी ने तीनों लोगों को हिरासत में लेने की मांग की थी. ED ने अदालत को बताया कि उनकी इस अवैध गतिविधियों और ऋण के दुरुपयोग करने से सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और अन्य कंसोर्टियम बैंकों को करीब 1,626.7 करोड़ रुपये का बड़ा नुकसान हुआ है.
एजेंसी ने किया था खुलासा
बता दें कि इस पैराबोलिक ड्रग्स मामले के खिलाफ अक्टूबर माह में भी छापेमारी की गई थी. वहीं अक्टूबर में एजेंसी ने अदालत को बताया था कि कंपनी के दो निदेशक जाली दस्तावेजों के आधार पर लोन और वित्तीय सुविधाएं लेने के लिए बैंकों को धोखा देने में शामिल थे.
TNP न्यूज़ से अमजद खान की रिपोर्ट.