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- Thu, 21st Nov, 2024
भ्रामक विज्ञापनों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को फटकार लगाई है. अदालती कार्रवाई के लिए तैयार रहें, आप यहां केवल नाम के लिए माफी मांगने आ रहे हैं, अदालत ने रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को आड़े हाथों लिया. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि हम आपकी माफी से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं, आप सिर्फ हमसे ही नहीं बल्कि पूरे देश से माफी मांगें. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने नवंबर 2023 में पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ मामला दायर किया. आईएमए ने आरोप लगाया था कि पतंजलि ने जानबूझकर अपने विज्ञापनों में एलोपैथिक डॉक्टरों के खिलाफ झूठे दावे किए हैं. इस संबंध में कोर्ट ने फरवरी में आदेश दिया था कि पतंजलि तुरंत सभी विज्ञापन बंद कर दे. अब अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपका मीडिया विभाग आपसे अलग नहीं है, आपने ऐसा क्यों किया? हालांकि आपको पिछले नवंबर में चेतावनी दी गई थी, फिर भी आपने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सिर्फ एक हलफनामा दाखिल किया गया है, जबकि दो हलफनामा दाखिल किया जाना चाहिए था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आपने कानून का उल्लंघन कैसे किया? सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देने के बावजूद आपने कानून का उल्लंघन किया. नतीजों के लिए तैयार हो जाइए. क्या आपने कानून में बदलाव के बारे में मंत्रालय से संपर्क किया?
सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और आचार्य बालकृष्ण से कहा कि आपको कोर्ट से किया गया वादा निभाना होगा, आपने हर सीमा तोड़ दी है. इस मामले पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जो हुआ वह नहीं होना चाहिए था.इस बीच कोर्ट ने हाल ही में रामदेव और बालकृष्ण को समन भेजा था. न्यायमूर्ति हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि आयुर्वेदिक कंपनी पतंजलि ने भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए जारी अवमानना नोटिस का जवाब नहीं दिया है. पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष किए गए वादे का उल्लंघन करने के लिए पीठ ने 27 फरवरी को आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू की थी. बेंच में जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह भी शामिल थे.