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- Thu, 21st Nov, 2024
Delhi High Court : दिल्ली हाई कोर्ट ने यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने को लेकर सुनवाई से इंकार कर दिया है. इस बारे में दिल्ली HC ने कहा कि इसमें फैसला लेना विधायिका का काम है. और सरकार को हम इस बारे में कानून लाने के लिए सलाह नहीं देंगे. हालांकि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की मांग की गई थी. जिसमें SC ने दखल देने से इंकार किया था. जिसके बाद उन याचिकाओं को खारिज कर दिया था. वही दूसरी और शुक्रवार को दिल्ली HC ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश एकदम साफ है. हाईकोर्ट भी इससे बाहर नहीं जाएगा.
क्या है समान नागरिक कानून
दरअसल यूनिफॉर्म सिविल कोड में देश में सभी धर्मों, समुदायों के लिए एक सामान, बराबरी का कानून बनाने की बात की की गई है. अगर इसे आसान शब्दों के कहा जाए तो इस कानून का मतलब, देश के सभी धर्मों, समुदाओं के लिए कानून एक समान करना होता है. जो संविधान के अनुच्छेद 44 के मुताबिक है. वही अगर सिविल कोड लागू किया जाता है तो सभी धार्मिक और आदिवासी समुदायों जैसे व्यक्तिगत मामलों, संपत्ति, विवाह, विरासत और बच्चे को गोद लेने आदि मामलों में सभी लोगों के लिए एक समान कानून होंगे.
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देश के लोगों को मिली थी जबरदस्त प्रतिक्रिया
हालांकि इससे पहले भारत के विधि आयोग को प्रस्तावित समान नागरिक संहिता पूरे देश के लोगों से जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली थी. जिसके बाद यूसीसी लॉ पैनल को 75 लाख से ज्यादा प्रतिक्रियाएं मिली. पैनल ने विवादास्पद मुद्दे पर सार्वजनिक और धार्मिक संगठनों के साथ विभिन्न हितधारकों से राय मांगी.