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- Thu, 21st Nov, 2024
Bihar Political Crisis : नीतीश कुमार ने एक बार फिर एनडीए का दामन थाम लिया है और आरजेडी को दरकिनार कर दिया है. पलटूराम के नाम से पहले से ही बदनाम नीतीश कुमार ने एकबार फिर ये बदनामी अपने सिर ली है तो इसकी चार अहम वजह हैं. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश की इस नई पलटी की वो चार अहम वजह हम आपको बताते हैं.
महागठबंधन में तवज्जो ना मिलना
नीतीश कुमार के पाला बदलने का सबसे बड़ा और अहम कारण है विपक्षी गठबंधन इंडिया में उनको पूरी तवज्जों ना मिलना रहा है. जिस गठबंधन की पूरी भूमिका नीतीश ने ही तय की थी. जिस गठबंधन में नीतीश ने ही हर नेता से मिलकर इंडिया गठबंधन की नींव रखी...उसका संयोजक भी उन्हें नहीं बनाया गया...इतना ही नहीं पीएम पद के चेहरे के तौर पर भी कांग्रेस अध्यक्ष खरगे का नाम ही आगे किया गया ,नीतीश का नहीं...हालांकि महागठबंधन के नेताओं का कहना है कि ये सिर्फ बहानेबाजी है.
RJDके चलते JDUके टूटने का डर
एक अहम कारण ये भी माना जा रहा है कि नीतीश कुमार को अपनी ही पार्टी को टूटने से बचाना चाहते हैं..इसीलिए ललन सिंह पर आरजेडी से नजदीकी का आरोप लगाकर नीतीश खुद पार्टी अध्यक्ष बन गए..लेकिन नीतीश की आशंका कम नहीं हुयी...नीतीश को आशंका थी कि आने वाले लोकसभा और अगले साल विधान सभा चुनाव में सत्ता में सहयोगी आरजेडी सरकार के कामों सारा फायदा ले सकती है.
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नीतीश कुमार का सत्ता मोह
नीतीश कुमार का सत्ता के साथ मोह भी इसका बड़ा कारण है. नीतीश को केन्द्र से ज्यादा बिहार की सत्ता में बने रहने की लालसा है. इसी कारण वो डेढ़ साल पहले ही विधानसभा भंग कर लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव कराना चाहते थे. लेकिन आरजेडी इसके लिए तैयार नहीं थी. नीतीश ये भी जानते है कि अके ले दम पर वो सरकार नहीं बना सकते है. ऐसे में उन्हे एक सहयोगी चाहिए था..आरजेडी के रुख औऱ पार्टी टूटने के खतरे को देखते हुए नीतीश ने बीजेपी के साथ हाथ मिला लिया.
RJD की छवि से नुकसान का भय
एक बड़ा कारण सहयोगी आरजेडी पर कसता केन्द्रीय एजेंसियों का शिकंजा भी है. ईडी लगातार डिप्टी सीएम रहे तेजस्वी यादव और पूरे लालू यादव परिवार पर शिकंजा कस रही है. नीतीश को डर था कि सहयोगी आरजेडी पर लगने वाले भ्रष्टाचार के ये दाग उनका दामन भी दागदार कर सकते हैं.
TNP न्यूज़ से अमजद खान की रिपोर्ट.