- 34ºc, Sunny
- Thu, 21st Nov, 2024
Shri Krishna Janmabhoomi Case: मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुना दिया है. जिसमें कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका को स्वीकार कर लिया है. जिसके बाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर के सर्वे की मंजूरी दे दी है. साथ ही हाईकोर्ट ने ईदगाह की कमेटी और वक्फ बोर्ड की दलीलों को खारिज कर दिया. इसके चलते अब शाही ईदगाह परिसर में सर्वे किया जाएगा.
क्या है श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह का इतिहास
दरअसल ये बात उस जमाने की है जब औरंगजेब हुआ करता था. साल 1669 से 1670 में औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्म स्थल पर स्थित केशवनाथ मंदिर को निस्तोनाबूद कर दिया. जिसके बाद वहां शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया दिया. अब 1770 लग चुका था इस साल मुगलों और मराठाओं के बीच जंग चल रही थी. जिसमें मराठाओं की विजय हुई. जंग में जीत के बाद मराठाओं ने यहां दोबारा से मंदिर बनवा दिया.
जानें श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह का पूरा मामला
दरअसल शाही ईदगाह मस्जिद और श्रीकृष्ण जन्मभूमि एक दुसरे से सटे हुए है. 12 अक्तूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मभूमि संस्थान और शाही ईदगाह ट्रस्ट के बीच एक समझौता हुआ. जिसमें 13.37 एकड़ जमीन पर मस्जिद और मंदिर दोनों के बने रहने की बात तय हुई.
बता दें कि पूरा मसला इसी 13.37 एकड़ जमीन का है. हालांकि इस जमीन का 10.9 एकड़ हिस्सा श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास है तो वहीं 2.5 एकड़ हिस्सा शाही ईदगाह मस्जिद के पास है. मुस्लिम पक्ष ने अपने कब्जे में से कुछ जगह मंदिर के लिए छोड़ी है. जिसके बदले मुस्लिम पक्ष को पास में ही कुछ जगह दे दी गई है. अब सवाल ये है कि हिन्दू पक्ष पूरी 13.37 एकड़ जमीन पर अपने कब्जे की मांग कर रहा है.
TNP न्यूज़ से अमजद खान की रिपोर्ट.