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- Thu, 21st Nov, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति ने 14 मार्च को दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की. पैनल की बैठक के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मीडिया को बताया कि ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू (बलविंदर संधू) को चुनाव आयुक्त के रूप में चुना गया है. अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इन नामों पर अंतिम फैसला लिया. उसके बाद अधिसूचना जारी की जायेगी. इस बीच अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वह इस प्रक्रिया से असंतुष्ट हैं. नई नियुक्ति का यह फैसला चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे के कुछ दिन बाद लिया गया है.
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए नए कानून के तहत पुनर्गठित पैनल की ये पहली नियुक्तियां हैं. भारत के मुख्य न्यायाधीश के अलावा, चयन समिति में अब प्रधान मंत्री, विपक्ष के नेता और नामित केंद्रीय कैबिनेट मंत्री शामिल हैं.
ज्ञानेश कुमार केरल से हैं और संधू पंजाब से
ज्ञानेश कुमार केरल से हैं और सुखबीर संधू पंजाब से हैं. सुखविंदर संधू उत्तराखंड के मुख्य सचिव और एनएचएआई के चेयरमैन रह चुके हैं. ज्ञानेश कुमार केरल के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. इससे पहले वह गृह मंत्रालय में थे. जब अनुच्छेद 370 को लेकर फैसला लिया गया तब वह गृह मंत्रालय में थे.
हमारे पास 212 नाम थे
हमने एक दिन पहले 212 नाम दिए थे. इसलिए मैं पूरी रात सोचता रहा. अगले दिन मुझे छह नाम दिये गये। इसके बाद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वह इस प्रक्रिया से असंतुष्ट हैं. इस बीच कमेटी ने ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू का नाम तय कर लिया है. अब ये नाम राष्ट्रपति के पास जाएंगे. इसके बाद राष्ट्रपति इन नामों पर अंतिम मुहर लगाएंगे. फरवरी में अनूप पांडे के रिटायरमेंट और गोयल के इस्तीफे के बाद तीन सदस्यीय चुनाव आयोग में अब केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार रह गए थे. गोयल, जिनका कार्यकाल दिसंबर 2027 तक था, लेकिन उन्होंने 9 मार्च को इस्तीफा दे दिया.