TNP न्यूज़ से निवेदिता राय की रिपोर्ट
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- Thu, 21st Nov, 2024
हर साल माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन बसंत पंचमी को मां सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि मां सरस्वती जिस दिन प्रकट हुईं वह माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि और बसंत पंचमी का दिन था। इस साल यह पर्व 14 फरवरी 2024 यानी कल बुधवार के दिन मनाया जाएगा। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती प्रकट हुईं थीं। मां सरस्वती जब प्रकट हुईं तो उनकी चार भुजाएं थीं, एक हाथ में पुष्प, दूसरे हाथ में पुस्तक, तीसरे और चौथे हाथ में कमंडल और बाकी के दो हाथों में वीणा और माला थी। इसलिए यह दिन छात्रों, कला, संगीत आदि से जुड़े लोगों के लिए बेहद खास होता है।
बसंत पंचमी शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर तिथि का समापन होगा। इस दिन सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।
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पूजन सामग्री की लिस्ट
* मां सरस्वती की मूर्ति
* पीला वस्त्र
* पीला फूल या उसकी माला
* गंगाजल
* धूप बत्ती
* हल्दी, चंदन, कुमकुम और सिंदूर
* पान, सुपारी और अक्षत
* गाय का शुद्ध देशी घी
* नारियल, पुस्तक और कलम
* मिट्टी का दीया और रुई की बाती
* पीला गेंदे का फूल या उसकी माला
* प्रसाद के लिए मिठाई और फल
बसंत पंचमी पूजा विधि
* बसंत पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठे और स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण करें
* मंदिर की सफाई करें और चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित करें
* मां सरस्वती को अक्षत, चंदन, पीले फूल, दीप और पीली मिठाई आदि चीजों को अर्पित करें
* पूरे विधि विधान के साथ मां सरस्वती की आराधना करें
* मां सरस्वती के मंत्रों का जाप और आरती करें
* विद्यार्थी चाहें तो इस दिन मां सरस्वती के लिए व्रत भी रख सकते हैं
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