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अयोध्या में वो शुभ घड़ी करीब आ रही है। राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए अनुष्ठान प्रारंभ हो गया है। अनुष्ठान का आयोजन नगर के विवेक सृष्टि आश्रम में किया जा रहा है। इस प्राण प्रतिष्ठा की सारी जिम्मेदारी काशी के सभी 21 वैदिक ब्राह्मणों को सौंपी गई है। काशी के सभी विद्वान सरयू में स्नान करने के बाद अनुष्ठान स्थल पर पहुंचे और पूजा की विधि शुरू की। अनुष्ठान का कार्यक्रम 21 जनवरी तक चलेगा। 22 जनवरी को 500 साल के लंबे संघर्ष के बाद राम लला अपने महल में विराजित होंगे। रामलला की प्रतिमा 18 जनवरी को गर्भगृह में निर्धारित आसन पर स्थापित कर दी जाएगी। मंदिर में स्थापित करने वाली रामलला की मूर्ति को भी चुन लिया गया है। 18 जनवरी को इसे श्री रामजन्मभूमि तीर्थ पर गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।
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कब होगा प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान
22 जनवरी को धानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में दिन के 12:20 बजे प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान आरंभ होगा। यह पूजा करीब 40 मिनट तक चलेगी। इसके बाद करीब 75 मिनट पीएम मोदी, सीएम योगी, संघ प्रमुख मोहन भागवत संदेश देंगे। रामलला की मूर्ति के लिए नेपाल की गंडकी नदी, कर्नाटक, राजस्थान व उड़ीसा के उच्च गुणवत्ता वाले 12 पत्थर ट्रस्ट ने मंगाए थे। सोमवार को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अचल मूर्ति के चयन को लेकर पिछली बैठक में सभी 15 ट्रस्टी शामिल हुए थे। 11 ट्रस्टियों को अरुण योगीराज की मूर्ति पसंद आई है। 18 जनवरी को श्यामल रंग के रामलला को नए मंदिर में बने सिंहासन पर स्थापित कर दिया जाएगा।
TNP न्यूज़ से निवेदिता राय की रिपोर्ट