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राम मंदिर का उद्घाटन अब करीब है। 22 जनवरी 2024 को भगवान रामलला अपने घर में विराजमान होने वाले हैं। रामलला के मंदिर को सजाने का कार्य भी किया जा रहा है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए ही नहीं, कारोबारियों के लिए भी बेहद खुशी का अवसर बनने जा रहा है। पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। आपको बता दें कि अयोध्या में 2.7 एकड़ में राम मंदिर बन रहा है। इसकी ऊंचाई लगभग 162 फीट की होगी। रामलला की इस प्राण प्रतिष्ठा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 17 जनवरी से ही शुरू होने वाला है। 17 जनवरी को रामलला की अचल मूर्ति की भव्य शोभायात्रा निकालकर राम जन्मभूमि परिसर में स्थापित की जाएगी। उसके बाद 18 जनवरी से पूजन, अर्चन अनुष्ठान की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
अयोध्या को त्रेतायुग थीम से सजाया जा रहा
पूरे अयोध्या को त्रेता युग थीम में सजाया जा रहा है। बता दे की सड़कों के किनारे सूर्य स्तंभ लगाए जा रहे हैं जो कि भगवान राम के सूर्यवंशी होने का प्रतीक है। वहीं जिला प्रशासन के मुताबिक धर्मपत्नी सड़कों के किनारे पर दीवार बन रही है जिस पर रामायण काल के प्रशंसकों को दर्शाया गया है। दीवारें टेराकोटा फाइन क्ले म्यूरल कलाकृतियों से सजी होगी जो कि त्रेता युग की याद दिलाएंगी।
कैसा था त्रेतायुग?
हिंदू धर्म में मुख्य रूप से चार युगों का उल्लेख मिलता है। सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग और कलियुग। पुराणों के अनुसार, त्रेतायुग लगभग 12 लाख 96 हजार साल का था। त्रेतायुग में मनुष्य की औसत आयु 10,000 हजार वर्ष थी। बता दें कि त्रेतायुग में धर्म 3 स्तंभों पर खड़ा था। कहते हैं कि त्रेता युग में लोग कर्म करके फल प्राप्त करते थे। साथ ही इस युग में लोग धर्म का पालन भी करते थे।
TNP न्यूज़ से निवेदिता राय की रिपोर्ट