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Asaduddin Owaisi on Ayodhya Babri Masjid Demolition: 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले एआईएमआईएम चीफ असद्दुीन ओवैसी ने बड़ा बयान दिया है. कर्नाटक के कलबुर्गी में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि विवादित जगह पर रात में मूर्तियां रख दी गईं. वहां मस्जिद थी, है और हमेशा रहेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के गोविंद वल्लभ पंत जब सीएम थे तो उस जगह पर 500 साल से मुलसमान नमाज पढ़ते थे. उस समय किसी ने रात के अंधेरे में मूर्तियां रख दी. जिसके बाद वहां के मौजूदा कलेक्टर केके नायर ने मस्जिद बंद करा कर वहां पूजा शुरू करा दी. 1950 में नायर जनसंघ के पहले सांसद बने. जिसके बाद 1986 में बीना किसी को बताए ताले खोले गए. देखते ही देखते 6 दिसंबर 1992 में भाजपा और संघ ने मिलकर मस्जिद को तोड़ दिया.
मुसलमानों से छिनी मस्जिद - असद्दुीन ओवैसी
अपनी बात को आगे रखते हुए असद्दुीन ओवैसी ने कहा कि पूरे सिस्टमैटिक तरीके से मुसलमानों से यह मस्जिद छीन गई है. बाबरी पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया. यह फैसला हमारे देश की सर्वोच्च अदालत का है. SC ने अपने फैसला बताते हुए कहा कि धार्मिक विश्वास के आधार पर ये जगह हम मुसलमानों को नहीं दे सकते. इस जगह मंदिर तोड़कर यहां मस्जिद नहीं बनाई गई थी.
बीना किसी को बताए खोले गए ताले - असद्दुीन ओवैसी
उन्होंने कहा कि अगर गोविंद वल्लभ पंत अगर ये मूर्तियां वहां से हटा देते तो क्या आज हमें यह दिन देखना पड़ता और 1986 में ताले नहीं खोले जाते तो क्या ये दिन आता? जिसके बाद ओवैसी, अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए बोले कि केजरीवाल कह रहे हैं कि वे स्कूलों में सुंदरकांड का पाठ कराएंगे. तो क्या स्कूल का कोई धर्म होता है?
TNP न्यूज़ से अमजद खान की रिपोर्ट.