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समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को केंद्रीय जांच एजेंसी ने नोटिस जारी किया है. अवैध खनन मामले में अखिलेश को नोटिस भेजा गया है. 160 सीआरपीसी के तहत समन भेजा गया है. उन्हें 29 फरवरी को पूछताछ में शामिल होने के लिए बुलाया गया है. गवाह के रूप में पूछताछ में भाग लेने के लिए बुलाया गया. नोटिस में कहा गया है कि मामले से जुड़े कुछ सवालों के जवाब देने के लिए अखिलेश यादव को सीबीआई के सामने पेश होना होगा. यह अवैध खनन का मामला है जब 2012 से 2016 के बीच अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे.
हाई कोर्ट ने छह साल पहले यह आदेश दिया था
उच्च न्यायालय ने 28 जुलाई 2016 को आदेश पारित किया था, जिसके बाद सीबीआई ने डीएम हमीरपुर, एक भूविज्ञानी, खनन अधिकारियों, क्लर्कों, पट्टा धारकों और निजी और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. 5 जनवरी, 2019 को सीबीआई ने 12 स्थानों पर छापेमारी की और बड़ी मात्रा में नकदी और सोना जब्त किया. इस मामले में सीबीआई ने सीआरपीसी 160 के तहत गवाह के तौर पर अखिलेश को 29 फरवरी को तलब किया है. खनन भूमि के नए पट्टे और नवीनीकरण के मामले की जांच सीबीआई कर रही है.
भारत के प्रमुख नेता रडार पर!
ईडी और सीबीआई भारत अघाड़ी के शीर्ष नेताओं की तलाश जारी रखे हुए हैं. दिल्ली शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आठवां समन जारी किया है. जांच एजेंसी ने समन जारी कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 4 मार्च को पेश होने का निर्देश दिया है. मंगलवार को आठवां नोटिस जारी होने से पहले, अरविंद केजरीवाल को ईडी की शराब नीति में कथित घोटाले के संबंध में 22 फरवरी को सातवां नोटिस जारी किया गया था और 26 फरवरी को पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहा गया था, लेकिन AAP ने कहा कि नोटिस अवैध था.
झारखंड हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कड़ी फटकार लगाई
उधर, ईडी की हिरासत में चल रहे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हेमंत सोरेन ने विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने की इजाजत मांगी थी. हालांकि, झारखंड हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी. इससे पहले हेमंत सोरेन ने ईडी कोर्ट से बजट सत्र में शामिल होने की इजाजत मांगी थी. ईडी कोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी. इसके बाद हेमंत सोरेन की ओर से ईडी कोर्ट के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई. हालांकि, हाई कोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिल सकी. बिहार में जमीन के बदले में लालू प्रसाद यादव की नौकरी सीबीआई के रडार पर है.