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- Thu, 21st Nov, 2024
पिछले कई वर्षों से चुनावों में कांग्रेस पार्टी की सफलता दुर्लभ रही है. 2014 के बाद से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन गिरता जा रहा है. कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्य खो दिए हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे भले ही कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, लेकिन पार्टी पर गांधी परिवार का दबदबा है. सोनिया गांधी स्वास्थ्य कारणों से पार्टी के कामकाज में शामिल नहीं हो रही हैं. इस वजह से पार्टी की जिम्मेदारी राहुल गांधी पर है. लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा भी निकाली थी. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सलाह दी है कि अगर राहुल गांधी को आगामी लोकसभा चुनाव में सफलता नहीं मिलती है तो उन्हें पार्टी छोड़ देनी चाहिए.
क्या कहते हैं प्रशांत किशोर?
प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा है कि पिछले दस सालों में राहुल गांधी ने खुद कुछ नहीं किया और पार्टी में किसी और को कुछ करने नहीं दिया. प्रशांत किशोर ने एक डिजिटल मीडिया को इंटरव्यू देते हुए यह आलोचना की है. प्रशांत किशोर ने कहा कि राहुल गांधी पिछले दस साल से फेल हैं. इसके बाद वह पार्टी का फॉर्मूला किसी और को सौंपने को तैयार नहीं हैं. 2019 में हार के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि वह अब पार्टी से हट जाएंगे. पार्टी का फॉर्मूला किसी और को दे दीजिए. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्होंने कहा कि इस वजह से राहुल गांधी को अब ब्रेक ले लेना चाहिए और पांच साल के लिए पार्टी की कमान किसी और को सौंप देनी चाहिए.
ये संभव नहीं
पीके ने कहा, 'दुनिया भर में अच्छे नेताओं की एक अच्छी क्वालिटी होती है. ये नेता अपनी कमियां स्वीकार करते हैं. वे उन्हें हटाने की कोशिश भी करते हैं. लेकिन लगता है राहुल गांधी को सब पता है. यदि आपको नहीं लगता कि आपको सहायता की आवश्यकता है, तो कोई भी आपकी सहायता नहीं कर सकता। राहुल गांधी सोचते हैं कि हमें कोई ऐसा व्यक्ति मिले जो उतना अच्छा काम करे जितना हम चाहते हैं, लेकिन ऐसा संभव नहीं है.
कांग्रेस की ओर से क्या प्रतिक्रिया होगी?
प्रशांत किशोर ने कहा है कि पार्टी नेता निजी तौर पर इस बात से सहमत हैं कि राहुल गांधी की मंजूरी के बिना कोई भी फैसला नहीं लिया जा सकता. लोकसभा चुनाव में प्रशांत किशोर द्वारा राहुल गांधी की आलोचना के बाद कांग्रेस की ओर से क्या जवाब आएगा यह देखना अहम होगा.