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पिछले कुछ महीनों से भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर खींचतान चल रही है। यह विवाद तब और बढ़ गया जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले उत्पादों पर 25% एक्स्ट्रा टैक्स लगा दिया। मतलब अमेरिका भारतीय सामानों पर 50% तक कर लगने लगा। इसका मुख्य कारण अमेरिका की नाराजगी थी क्योंकि भारत रूस से लगातार तेल और ऊर्जा का व्यापार कर रहा था।
सीईए की उम्मीद
अमेरिका की तरफ से भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ में बड़ी राहत मिल सकती है और रूसी तेल खरीर पर ट्रंप द्वारा लगाया गया एक्स्ट्रा 25% टैरिफ हटाया जा सकता है। भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी. अनंथा नागेश्वरन ने कहा है कि 30 नवंबर के बाद यह अतिरिक्त टैक्स हट सकता है। उनका मानना है कि आने वाले 8–10 हफ्तों में कोई ठोस समाधान निकल सकता है। हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि यह सिर्फ उनका व्यक्तिगत आकलन है, न कि कोई आधिकारिक घोषणा।
कब और क्यों लगा यह टैक्स?
यह अतिरिक्त शुल्क 27 अगस्त से लागू हुआ था। ट्रंप प्रशासन का कहना था कि यह कदम अमेरिकी हितों की रक्षा और दबाव बनाने के लिए जरूरी था। लेकिन इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप के बीच कई दौर की बातचीत हुई, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में कुछ नरमी आई है।
टैक्स हटने पर फायदा किसे मिलेगा?
अगर नवंबर के बाद यह टैक्स हटता है तो सबसे बड़ा लाभ भारतीय निर्यातकों को होगा। अभी भारतीय कंपनियों को अमेरिका में सामान बेचने के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है, जिससे उनका सामान महंगा हो जाता है और प्रतिस्पर्धा में पीछे रह जाता है। टैक्स हटने से भारतीय सामान अमेरिकी बाजार में सस्ते और आकर्षक हो जाएंगे, जिससे निर्यात बढ़ सकता है।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत और अमेरिका के बीच लगातार हो रही बातचीत और कूटनीतिक रिश्ते इस विवाद को खत्म कर सकते हैं। अगर टैक्स हटता है, तो यह दोनों देशों की अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होगा। साथ ही, यह उद्योगों और निवेशकों के लिए भी एक सकारात्मक संकेत होगा कि भारत-अमेरिका के रिश्ते मजबूत हो रहे हैं।
Saurabh Dwivedi