
नीतू पाण्डेय, नई दिल्ली: ढाई महीने बाद पहलवानों ने एक बार फिर से अपने पुराने लगाए हुए आरोपों को दोहराया है. पहलवानों ने जंतर-मंतर पर धरने का ऐलान कर दिया है. भारतीय कुश्ती महासंघ और उसके अध्यक्ष बृजभूषण सिंह से विवाद पर पहलवान जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए है. कुश्ती के धुरंधर अपनी बात पर अड़े हुए है कि जब तक भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के खिलाफ जांच समिति की रिपोर्ट नहीं आ जाती और जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता तब तक हम धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे.
अब कई लोगों का ये सवाल है कि आखिर पूरा मामला क्या है? तो बात ढाई महीने पहले की है दिग्गज खिलाड़ियों में से बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण और कोच के खिलाफ यौन शोषण समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे. जिसके बाद जांच समिति का गठन कर दिया गया था. जांच समिति ने रिपोर्ट भी तैयार कर ली, लेकिन उसके बारे में धरने में शामिल हुए पहलवानों को नहीं बताया गया. जिसके बाद पहलवान निराश हो गए और अब एक बार फिर से जंतर-मंतर पहुंच गए.
जनवरी के कड़के की ठंड में भारत के दिग्गज पहलवान धरने पर बैठे तो कई लोगों आश्र्चर्यचकित हो गए थे. लोगों के मन में कई सारे सवाल भी खड़े हो रहे थे. रविवार यानी 23 अप्रैल को धरने पर बैठने आए पहलवानों ने खेल मंत्रालय पर आरोप लगाया है कि उन्होंने जो बोला वो किया नहीं. पहलवानों ने कहा कि सरकार ने उनके साथ धोखाधड़ी किया है, सरकार ने एक महीने में कार्रवाई का भरोसा दिया था. लेकिन 3 महीने होने को है लेकिन अभी तक रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है. सरकार ने जो आश्र्वासन दिया वो झूठा साबित हुआ. भारत को पदक दिलाने वाले एथिलीट्स विनेश और साक्षी के आंसू भी छलके. उन्होंने कहा WFI शक्तिशाली है तो क्या हमें न्याय नहीं मिलेगा? पहलवानों ने ये भी कहा कि कोई फैसला न आने तक वो धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे.
पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि 7 पहलवान लड़की ने शिकायत दी है, लेकिन उनकी शिकायत पर FIR नहीं किया जा रहा है. पुलिस अधिकारी ने सोमवार को बात करने को कहा था इस मामले में लगातार देरी की जा रही है. पहलवानों ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह केस सेंसटिव है पहलवानों का शोषण का मामला है. हैरसमेंट का केस अपने आप में कितना सेंसटिव होता है आप समझ ही सकते है लड़की का मामला है तो ये मामला अपने आप में काफी ज्यादा वेल्युएबल और सेंसटिव है. हम सब मेंटल टॉर्चर से जूझ रहे है. अब हम नहीं सुरक्षित है तो कौन सुरक्षित रहेगा. तीन महीने से जवाब मांगा है लेकिन न वक्त मिल रहा है और न ही जवाब.