Sabarimala Temple: सबरीमला मंदिर से सोना गायब, हाई कोर्ट ने कही ये बात

केरल के सबरीमला मंदिर से जब 2019 में मंदिर के द्वारपालक मूर्तियों से सोने की परत चढ़ी तांबे की प्लेटें हटाई गई थीं। उस समय उनका वजन 42.8 किलो था, लेकिन दोबारा लगाने पर यह घटकर 38.25 किलो रह गया।

8 घंटे पहले

और पढ़े

  1. तीन दिन में दूसरी बार प्रशासनिक फेरबदल, 13 अधिकारियों की जिम्मेदारियां बदलीं
  2. भगोड़े ललित मोदी के भाई पर बलात्कार का आरोप, दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार
  3. खजुराहो मूर्ति विवाद पर CJI गवई का बयान: "मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूँ"
  4. DUSU Elections 2025: 52 कॉलेजों में वोटिंग जारी, 4 अहम पदों के लिए 21 उम्मीदवार मैदान में; नतीजे कल
  5. समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को एक और बड़ी राहत, हाईकोर्ट से मिली तीसरी जमानत
  6. दिल्ली में गिरफ्तारी के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमला, आरोपी भागने में सफल, वीडियो वायरल
  7. करोड़ों की कार चला रहे हो, तो इंसानियत भी दिखाओ, कोर्ट में पीड़िता के वकील की कड़ी टिप्पणी
  8. दिल्ली-NCR में मौसम ने ली करवट, कई इलाकों में हो रही तेज बारिश
  9. 'वोट नहीं, दिलों की चोरी': सीएम रेखा गुप्ता ने पीएम मोदी की तारीफ
  10. कौन हैं नूपुर बोरा? असम में जमीन घोटाले में फंसी महिला अफसर
  11. Indore Truck Accident: इंदौर में बेकाबू ट्रक ने कई राहगीरों को रौंदा, दो की मौत, कई घायल
  12. दिल्ली बीएमडब्ल्यू हादसा: वित्त मंत्रालय के अधिकारी की मौत, परिवार ने अस्पताल ले जाने में लापरवाही का लगाया आरोप
  13. 17 साल बाद DUSU को फिर मिल सकती है महिला अध्यक्ष, 2008 में नूपुर शर्मा ने संभाली थी कमान
  14. नई दिल्ली-पानीपत ईएमयू ट्रेन में बड़ा बदलाव, महिलाओं की सुविधा के लिए रेलवे ने लिया अहम फैसला
  15. Bihar News: BPSC 71वीं पीटी परीक्षा कल, 912 केंद्रों पर 4.7 लाख अभ्यर्थी होंगे शामिल

प्रसिद्ध सबरीमला मंदिर में सोने से जुड़ा एक बड़ा विवाद सामने आया है। मंदिर के द्वारपालक (संरक्षक देवता) की मूर्तियों पर लगी सोने से मढ़ी हुई तांबे की प्लेटें 2019 में हटाई गई थीं ताकि उन पर फिर से सोने की परत चढ़ाई जा सके। लेकिन जब उन्हें वापस लगाया गया, तो उनका वजन 4.5 किलो कम पाया गया। यही मामला अब केरल हाई कोर्ट तक पहुंच गया है। 

रिकॉर्ड में भारी अंतर 

आधिकारिक दस्तावेज के मुताबिक, जब 2019 में प्लेटों को हटाया गया, तब उनका वजन 42.8 किलोग्राम था। लेकिन जब ये प्लेटें चेन्नई की एक कंपनी को दोबारा सोने की परत चढ़ाने के लिए दी गईं, तो उनका वजन घटकर केवल 38.258 किलोग्राम रह गया। यानी लगभग 4.541 किलो सोना गायब हो गया। 

हाई कोर्ट की कड़ी टिप्पणी 

न्यायमूर्ति राजा विजयराघवन वी और न्यायमूर्ति के वी जयकुमार की खंडपीठ ने इसे “चिंताजनक विसंगति” बताया और विस्तृत जांच का आदेश दिया। कोर्ट ने यह भी शक जताया कि हो सकता है सोने की परत चढ़ाने के नाम पर बिल्कुल अलग प्लेटें इस्तेमाल की गई हों। 

पीठ ने यह भी सवाल उठाया कि इतनी कीमती वस्तुओं को हटाने के बाद एक महीने से ज्यादा देरी क्यों हुई। साथ ही, जब प्लेटें वापस लगाई गईं तो उनका वजन क्यों नहीं दर्ज किया गया? कोर्ट ने इसे एक गंभीर लापरवाही और संभावित गड़बड़ी का संकेत बताया। 

विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

यह विवाद 2019 में शुरू हुआ। उस समय मंदिर बोर्ड (TDB) ने बिना अदालत या विशेष आयुक्त को बताए ही इन प्लेटों को हटाकर चेन्नई की स्मार्ट क्रिएशन्स कंपनी को सौंप दिया था। रिकॉर्ड में साफ लिखा है कि 42.8 किलो वजन की वस्तुएं कंपनी को दी गई थीं, लेकिन कंपनी ने अपने दस्तावेज में केवल 38.25 किलो ही दर्ज किया। बाद में प्लेटिंग पूरी होने के बाद भी यही कमी बनी रही। 

अदालत के सवाल 

हाई कोर्ट ने कहा कि यह बेहद आश्चर्यजनक है कि प्लेटें वापस लगाते समय उनका वजन दर्ज नहीं किया गया। ऐसा लगता है जैसे यह चूक जानबूझकर की गई ताकि सोने की कमी उजागर न हो। अदालत ने इसे गंभीर प्रशासनिक गलती बताते हुए कहा कि यह मामला सिर्फ लापरवाही नहीं बल्कि संदिग्ध गतिविधि का हिस्सा भी हो सकता है। 

वारंटी पर भी सवाल 

कोर्ट ने यह भी कहा कि 1999 में लगाए गए द्वारपालक मूर्तियों पर 40 साल की वारंटी थी, लेकिन सिर्फ 20 साल के भीतर ही उन्हें फिर से प्लेटिंग करनी पड़ी। इससे पूरा मामला और ज्यादा संदेहास्पद हो गया है।

Saurabh Dwivedi

TNP News,

115 B Hind Saurashtra Indl Estate, Marol Metro Station Andheri East, Mumbai - 400059
Call: +91 9818841730, +91 9818821470
Email: info@tnpnews.in


X
X