
उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर में बुधवार देर रात बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई। हादसे में पांच लोग लापता हो गए, जिनमें से दो लोगों को रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित बचा लिया है, जबकि तीन लोगों की तलाश अब भी जारी है।
बचाव कार्य में जुटी टीमें
घटना की जानकारी मिलते ही मेडिकल टीम, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच गईं। नगर पंचायत नंदानगर के वार्ड कुन्तरि लगाफाली में भारी बारिश से आए मलबे के कारण छह भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।
मेडिकल सहायता और एंबुलेंस की व्यवस्था
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के अनुसार, घायलों को तुरंत इलाज उपलब्ध कराने के लिए तीन 108 एंबुलेंस और मेडिकल टीमें घटनास्थल पर भेजी गईं।
स्थानीय प्रशासन की तुंरत कार्रवाई
एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मलबे में फंसे लोगों को निकालने और लापता व्यक्तियों की तलाश में जुटी हैं। स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य में कोई देरी नहीं की है।
क्षति का आकलन अभी बाकी
प्रशासन का कहना है कि घटना में हुई क्षति का पूरा आकलन बचाव कार्य पूरा होने के बाद ही किया जा सकेगा।
मौसम विभाग की चेतावनी
इस बीच मौसम विभाग ने देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, मसूरी, ऋषिकेश और आसपास के इलाकों में गरज-तूफान के साथ भारी बारिश की संभावना जताई है।
1,000 लोगों को रेस्क्यू
इसस पहले मंगलवार को राजधानी देहरादून समेत राज्य के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश और बादल फटने की घटनाओं से भारी तबाही हुई. उफनती नदियों और नालों ने कई इमारतों, सड़कों और पुलों को अपने साथ बहा दिया. इस आपदा में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 16 लोग अब भी लापता हैं. वहीं, राज्य के अलग-अलग हिस्सों में करीब 900 लोग फंसे हुए थे. मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि अब तक लगभग 1,000 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को राज्य की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता क्षतिग्रस्त सड़कों और बिजली लाइनों की शीघ्र बहाली के साथ पुनर्वास कार्यों को गति देना है. उन्होंने कहा कि बारिश और बादल फटने की घटनाओं के बाद प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत और मरम्मत कार्य जारी हैं.
नरेन्द्रनगर-टिहरी मार्ग की जल्द होगी मरम्मत
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि क्षतिग्रस्त विद्युत व्यवस्था की बहाली पर तेजी से काम किया जा रहा है। अब तक लगभग 85% बिजली लाइनों की मरम्मत पूरी हो चुकी है, और बाकी का कार्य अगले एक-दो दिनों में पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक से बात की गई है और नरेन्द्रनगर-टिहरी मार्ग की मरम्मत भी जल्द कराई जाएगी।
आपदा में सड़कों और पुलों को भारी नुकसान
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने जानकारी दी कि इस प्राकृतिक आपदा में 10 से अधिक सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें कम से कम पांच पुल पूरी तरह बह गए हैं।
सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र
उन्होंने बताया कि सहस्रधारा, प्रेमनगर, मसूरी, नरेन्द्रनगर, पौड़ी, पिथौरागढ़ और नैनीताल क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन एजेंसियां लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण हालात अब भी चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं।
Written By-Anjali Mishra