
ब्रिटेन में इमिग्रेशन विरोधी आंदोलन ने विशुद्ध रूप से राजनीतिक तनाव का रूप ले लिया है। शनिवार को लंदन की सड़कों पर लाखों लोग टॉमी रॉबिन्सन के नेतृत्व में उतरे और अरबपति एलन मस्क ने वर्चुअल भाषण दिया। उन्होनें कहा कि ब्रिटेन खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है और अगर हालात नहीं बदले तो देश पूरी तरह से बर्बादी की ओर जाएगा। उन्होंने भीड़ से साफ शब्दों में कहा, “हिंसा आ रही है, आपके पास दो ही रास्ते हैं, या तो लड़ो या मर जाओ।”
उन्होंने दावा किया कि ब्रिटेन पहले धीरे-धीरे कमजोर हो रहा था, लेकिन अब अनियंत्रित प्रवास (माइग्रेशन) की वजह से स्थिति तेजी से बिगड़ रही है। मस्क ने जोर देते हुए कहा कि ब्रिटेन में सरकार बदलनी चाहिए, संसद को तुरंत भंग कर नए चुनाव कराए जाने चाहिए, क्योंकि अगले चुनाव का इंतजार करना बहुत देर हो जाएगी।
अपने भाषण में मस्क ने अमेरिका का भी जिक्र किया और रूढ़िवादी कार्यकर्ता चार्ली किर्क की हाल ही में हुई हत्या को वामपंथी हिंसा से जोड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि वामपंथी लोग खुलेआम हिंसा फैला रहे हैं और यहां तक कि हत्या पर जश्न भी मना रहे हैं।
रैली के दौरान माहौल बिगड़ गया और पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़प हो गई। मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अनुसार:
26 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें 4 की हालत गंभीर है।
कई अधिकारियों के दांत टूट गए, सिर और रीढ़ में चोट लगी।
हिंसा और तोड़फोड़ के आरोप में कम से कम 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने हालात संभालने के लिए दंगारोधी दस्ते और अतिरिक्त बल तैनात किए।
रैली में एलन मस्क के अलावा केटी हॉपकिंस और फ्रांसीसी दक्षिणपंथी नेता एरिक ज़ेमोर ने भी भाषण दिए। वहीं दूसरी ओर, नस्लवाद और फासीवाद के खिलाफ "स्टैंड अप टू रेसिज्म" संगठन ने करीब 5,000 लोगों के साथ मार्च निकाला।
यह सब उस समय हो रहा है जब ब्रिटेन में अवैध प्रवासियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कई लोग नावों से इंग्लिश चैनल पार कर देश में घुस रहे हैं। हाल ही में एक इथियोपियाई प्रवासी द्वारा 14 साल की लड़की से दुष्कर्म का मामला सामने आया था, जिसके बाद प्रवासी-विरोधी माहौल और तेज हो गया। कई विरोध प्रदर्शन पहले भी हिंसक हो चुके हैं।
Saurabh Dwivedi