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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सख्त टैरिफ नीति का असर अब दिखने लगा है। कनाडा ने आखिरी समय पर एक बड़ा फैसला लेते हुए डिजिटल सर्विस टैक्स (DST) को रद्द कर दिया है, जिसे सोमवार से लागू किया जाना था। माना जा रहा है कि यह कदम अमेरिका के साथ रुकी हुई व्यापार बातचीत को फिर से शुरू करने की कोशिश है।
कनाडाई सरकार ने जारी किया बयान
कनाडा के वित्त मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप 21 जुलाई तक एक नए व्यापार समझौते पर पहुंचने के लिए फिर से बातचीत शुरू करेंगे।
वित्त मंत्री फ्रांस्वा-फिलिप शैम्पेन सोमवार को संसद में एक विधेयक पेश करेंगे, जिसमें डिजिटल टैक्स को पूरी तरह से खत्म करने का प्रस्ताव होगा।
डिजिटल टैक्स क्यों लाया गया था?
DST को पहली बार 2020 में इसलिए लाया गया था क्योंकि अमेरिका की बड़ी तकनीकी कंपनियां जैसे गूगल, फेसबुक, अमेजन, एप्पल आदि कनाडा में भारी मुनाफा कमा रही थीं, लेकिन इन पर टैक्स नहीं लग रहा था। कनाडा का मकसद हमेशा से इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक साझा कर प्रणाली बनाना रहा है।
ट्रंप ने दी थी धमकी
डिजिटल टैक्स पर ट्रंप ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी और इसे अमेरिका पर सीधा हमला बताया था। उन्होंने शुक्रवार को व्यापार वार्ताएं तोड़ दी थीं और रविवार को कहा कि अगर कनाडा पीछे नहीं हटा तो वह अगले हफ्ते से कनाडाई सामानों पर नए टैरिफ लगा देंगे।
डिजिटल टैक्स का असर
यह टैक्स उन कंपनियों पर 3% लागू होने वाला था जो कनाडा से हर साल 2 करोड़ डॉलर से ज्यादा की डिजिटल कमाई करती हैं। यह टैक्स 2022 से पीछे की तारीख से वसूला जाना था। इसका सबसे ज्यादा असर अमेरिकी टेक कंपनियों पर पड़ता, जो कनाडा में ऑनलाइन मार्केटिंग, विज्ञापन, सोशल मीडिया और यूजर डेटा से कमाई करती हैं।
बाजारों में दिखा असर
जैसे ही टैक्स हटाने की खबर आई, शेयर बाजारों में तेजी देखने को मिली। एशियाई बाजारों में भी सकारात्मक रुझान दिखा है।
स्टील-एल्युमिनियम पर अब भी भारी टैरिफ
हालांकि कनाडा ने अप्रैल में कुछ अमेरिकी शुल्कों से राहत पा ली थी, लेकिन अब भी स्टील और एल्युमिनियम पर 50% तक टैरिफ देना पड़ रहा है। ऐसे में डिजिटल टैक्स हटाना अमेरिका के साथ रिश्तों को सुधारने की एक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
अगले कदम पर नजर
अब सबकी नजर 21 जुलाई की वार्ता पर है, जिसमें कार्नी और ट्रंप के बीच फिर से व्यापार समझौते को लेकर बातचीत होनी है।
- YUKTI RAI