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ईरान के प्रमुख शिया धर्मगुरु ग्रैंड अयातुल्लाह नासेर मकारेम शिराजी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ सख्त फतवा जारी किया है। उन्होंने इन दोनों नेताओं को "खुदा का दुश्मन" करार दिया है और दुनियाभर के मुसलमानों से इनका विरोध करने और सत्ता से हटाने की अपील की है।
हालिया युद्ध के बाद आया फतवा
यह फतवा ऐसे समय पर आया है जब ईरान ने हाल ही में अमेरिका और इजरायल के साथ 12 दिन लंबा संघर्ष झेला। इस दौरान इजरायल ने ईरान पर बमबारी की, जिसमें कई अहम सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक मारे गए। जवाब में ईरान ने इजरायली शहरों पर मिसाइलें दागीं।
अयातुल्लाह मकारेम ने कहा
"जो कोई हमारे धार्मिक नेताओं को धमकाता है, वह खुदा के खिलाफ युद्ध करने वाला माना जाएगा।"
ईरान के कानून में ‘मोहारेह’ (खुदा से लड़ाई) एक बड़ा अपराध है, जिसकी सजा मौत, अंग कटना, सूली पर चढ़ाना या देश से निकाला जाना हो सकती है।
मुसलमानों से एकजुट होने की अपील
फतवे में कहा गया है कि ट्रंप और नेतन्याहू जैसे लोगों को उनकी गलतियों पर पछताना सिखाना हर मुसलमान का कर्तव्य है। साथ ही यह भी जोड़ा गया कि जो भी मुस्लिम देश या व्यक्ति ऐसे दुश्मनों का समर्थन करता है, वह इस्लाम के खिलाफ जा रहा है।
फतवे के अनुसार
"अगर कोई मुसलमान इस संघर्ष में तकलीफ झेलता है या जान गंवाता है, तो उसे खुदा की राह में लड़ने वाला माना जाएगा और स्वर्ग का इनाम मिलेगा।"
फतवे का मतलब और इतिहास
फतवा एक धार्मिक आदेश होता है, जिसे इस्लाम के बड़े धर्मगुरु जारी करते हैं। खासकर शिया समुदाय में यह आदेश काफी प्रभावशाली होता है और इसे मानना धार्मिक फर्ज माना जाता है।
यह पहली बार नहीं है जब किसी के खिलाफ ऐसा आदेश जारी हुआ हो। 1989 में ईरानी धर्मगुरु अयातुल्लाह खुमैनी ने लेखक सलमान रुश्दी के खिलाफ फतवा जारी किया था, क्योंकि उनकी किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' को इस्लाम विरोधी माना गया था। उस आदेश के बाद रुश्दी को सालों तक छिपकर रहना पड़ा। उनके अनुवादक की हत्या भी कर दी गई और प्रकाशकों पर हमले हुए। 2023 में न्यूयॉर्क में रुश्दी पर चाकू से हमला हुआ, जिसमें उनकी एक आंख की रोशनी चली गई।
- YUKTI RAI