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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ तीखी बहस हुई। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बाद अब ट्रंप दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति से भिड़ गए। दक्षिण अफ्रीकी के राष्ट्रपति 19 मई को वाशिंगटन पहुंचे थे। जिसके बाद व्हाइट हाउस में ट्रंप ने एक बैठक के दौरान रामफोसा पर गंभीर आरोप लगाए।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस बैठक के दौरान दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के सामने निराधार दावे पेश करते हुए आरोप लगाया कि, दक्षिण अफ्रीका में श्वेत अफ्रीकी किसानों की व्यवस्थित रूप से हत्या की जा रही है और उनका देश इस मामले को सुलझाने में विफल है।
ट्रम्प ने चलाया एक वीडियो
बैठक में ट्रम्प ने बिग स्क्रीन पर लगभग चार मिनट का एक वीडियो चलवाया। इस वीडियो को कथित तौर पर अफ्रिकन वकालत समूहों द्वारा साझा किया गया था। बता दें कि इस वीडियो में दक्षिण अफ्रीका के आर्थिक स्वतंत्रता सेनानी (EFF) पार्टी के नेता जूलियस मलिमा का भड़काऊ क्लिप शामिल था।
वीडियो सबूत के तौर पर पेश करते हुए ट्रंप ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में हजारों श्वेत किसानों की हत्या हुई है। ट्रंप ने दावा किया कि श्वेत किसानों की ज़मीन जब्त की जा रही है और उन्हें मारा जा रहा है। ट्रंप ने समाचार क्लिपिंग पेश करते हुए कहा कि इससे हिंसा बढ़ने का सबूत मिलता है।
रामफोसा ने किया नरसंहार का खंडन
रामफोसा ने नरसंहार की कहानी का खंडन करते हुए कहा कि वीडियो में दिख रहे जूलियस मालेमा एक छोटी विपक्षी पार्टी का नेतृत्व करते हैं और दक्षिण अफ्रीका के संविधान के तहत उन्हें अपने विचार व्यक्त करने की अनुमति है। रामफोसा ने इस बात पर जोर दिया कि देश में अपराध एक समस्या है, लेकिन यह श्वेत किसानों को असमान रूप से प्रभावित नहीं करता है।
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रंगभेद के खिलाफ पारित हुआ कानून
हाल ही में दक्षिण अफ्रीका की संसद ने रंगभेद से उत्पन्न ऐतिहासिक अन्याय को दूर करने के लिए कानून पारित किया है। इस कानून में भूमि असमानता भी शामिल है, हालांकि कानून के तहत कोई भूमि जब्त नहीं की गई है। लेकिन बैठक में यह दावा किया गया कि गोरे दक्षिण अफ़्रीकी ख़तरे में हैं।
-Shraddha Mishra