अक्टूबर 2023 में इजरायल-गाजा संघर्ष की शुरुआत के बाद से करीब उन्नीस महीने गुजर चुके हैं। इजरायली सेना के नई जमीनी ऑपरेशन से गाजा में गंभीर मानवीय संकट पैदा हो गया है। इजरायली सेना द्वारा इलाके में अपने सैन्य आक्रमण को बढ़ाने और चल रही नाकाबंदी के बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बड़ा बयान दिया है।
इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास संग युद्धविराम की बात करते हुए कहा कि अगर बंधकों की रिहाई संभव हो तो हम हमास संग अस्थायी युद्धविराम पर तैयार हैं। पीएम का यह बयान गाज़ा में चल रहे सैन्य हमले और मानवीय संकट के चलते बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच आया है।
20 से ज्यादा बंधक अभी भी जिंदा होने का दावा
बता दें कि नेतन्याहू के बयान में बंधकों की रिहाई की बात कही गई है। नेतन्याहू ने कहा कि अब भी हमास द्वारा बंधक बनाए गए 20 से अधिक लोगों को ज़िंदा माने जा रहे हैं। नेतन्याहू ने हमासे के सामने शर्त रखी है कि, "बंधकों को छुड़ाने के लिए अस्थायी संघर्षविराम संभव है।" हालांकि नेतन्याहू ने इस बात पर भी जोर दिया कि इजरायली सेना का उद्देश्य "पूरे गाज़ा पर नियंत्रण हासिल करना" है।
इजरायली सेना ने विदेशी राजनयिकों पर चलाई गोली
नेतन्याहू के इस बयान से पहले इज़रायली सेना ने वेस्ट बैंक में विदेशी राजनयिकों के प्रतिनिधिमंडल पर गोलियां चलाई थी। इज़रायली सेना के इस कार्रवाई से नया कूटनीतिक विवाद खड़ा हो गया। बता दें कि कुछ विदेशी राजनयिक हमास के वेस्ट बैंक में इज़रायली सैन्य कार्रवाई से हुई तबाही का आकलन करने गए थे।
इज़रायली सेना द्वारा इस क्षेत्र को "प्रतिबंधित" घोषित किया गया था। सेना ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल अनुमति वाले मार्ग से हटकर एक संवेदनशील ज़ोन में प्रवेश कर रहे। सेना ने दावा किया कि "चेतावनी के लिए" गोलियां चलाईं गई थी, ताकि प्रतिनिधिमंडल उस इलाके से हट जाए। इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन यूरोपीय संघ और कई देशों ने कड़ी आपत्ति जताई थी।
-Shraddha Mishra











