रूस के कामचटका में 7.1 तीव्रता का भूकंप: रिंग ऑफ फायर क्यों है इतना खतरनाक?

रूस के कामचटका क्षेत्र के पास एक बार फिर शक्तिशाली भूकंप आया है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.1 मापी गई है।

13 September 2025

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Russia Earthquake: शनिवार तड़के रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास 7.1 तीव्रता का तेज भूकंप आया। झटके पूरे इलाके में महसूस किए गए और तटीय इलाकों में सुनामी की अलर्ट जारी की गई। यह भूकंप समुद्र तल से करीब 10–20 किलोमीटर गहराई पर सुबह 10:37 बजे दर्ज किया गया। अभी तक किसी बड़े नुकसान या हताहत की खबर नहीं आई है, लेकिन प्रशासन ने एहतियाती अलर्ट जरूर जारी कर दिए हैं।

कामचटका क्यों बार-बार हिलता है?

कामचटका "रिंग ऑफ फायर" का हिस्सा है यह प्रशांत महासागर के चारों ओर फैला एक क्षेत्र है, जहां भूकंप और ज्वालामुखी लगातार आते रहते हैं। यहां पहले भी कई बड़े भूकंप और सुनामी आ चुके हैं, जैसे 1952 का बेहद ताकतवर भूकंप जिसने भारी तबाही मचाई थी।

प्लेटों की खतरनाक टक्कर

कामचटका का इलाका दरअसल एक टेक्टोनिक सीमा पर है, जहां प्रशांत प्लेट लगातार ओखोटस्क प्लेट के नीचे धंस रही है। इस प्रक्रिया को सबडक्शन कहते हैं। यह प्लेटें हर साल लगभग 86 मिलीमीटर की रफ्तार से टकराती हैं। दबाव बढ़ता रहता है और जब यह अचानक निकलता है, तो बड़े भूकंप आ जाते हैं।

धरती के अंदर क्या होता है?

जब प्लेटें एक-दूसरे के नीचे खिसकती हैं, तो घर्षण और दबाव जमा होता है। जैसे ही यह दबाव सहने की सीमा पार करता है, जमीन अचानक फटकर हिलने लगती है। यही भूकंप होता है। इस प्रक्रिया से नीचे से गर्म लावा ऊपर आता है, जिससे यहां सैकड़ों ज्वालामुखी सक्रिय रहते हैं।

हमेशा मौजूद खतरा

कामचटका दुनिया का एक ऐसा इलाका है जहां भूकंप और ज्वालामुखी दोनों का खतरा हमेशा बना रहता है। यहां के लोगों के लिए यह डर उनकी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा है।

Saurabh Dwivedi

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