Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए समाजवादी पार्टी ने कमर कस ली हैं. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने 16 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया हैं.इन नाम में तीन नाम परिवार के सदस्यों का हैं.वही एक अन्य सीट संभल में मुस्लिम उम्मीदवार शफीकुर्रहमान बर्क को टिकट दिया गया हैं. लेकिन इन सब में चर्चा का विषय फैजाबाद से उम्मीदवार बनाए गए अवधेश प्रसाद का नाम हैं.
बता दे कि फैजाबाद लोकसभा अयोध्या के अंतर्गत आता हैं.अयोध्या में अभी बीते 22 जनवरी को ही रामलला का प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद पूरे देश में बीजेपी के लिए माहौल बना हुआ है. इस समय फैजाबाद लोकसभा सीट से बीजेपी के लल्लू सिहं सांसद हैं.अब यहां से समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी का रथ रोकने के लिए वरिष्ठ नेता और मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे अवधेश प्रसाद के नाम पर मोहर लगाया हैं.वह 9 बार के विधायक हैं और सपा की स्थापना के साथ पार्टी से जुड़े हुए हैं.
अवधेश प्रसाद दलित समाज से आते हैं और फैजाबाद और आसपास के इलाकों में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती हैं.इस इलाके में दलित वोट बैंक भी काफी मात्रा में हैं.इसी को देखते हुए अखिलेश यादव ने अवधेश प्रसाद को टिकट दिया हैं.
जनता पार्टी से की थी राजनीति की शुरुआत
अवधेश प्रसाद ने राजनीति की शुरुआत जनता पार्टी से की और 1970 में पहली बार अयोध्या जनपद की सोहावल विधानसभा से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. इसके बाद तो अवधेश प्रसाद ने कभी भी हार का मुंह नहीं देखा और लगातार 1985, 1989, 1993, 1996, 2002, 2007 और 2012 तक लगातार विधानसभा चुनाव जीते रहे थे.
2017 विधानसभा चुनाव में मिली थी हार
अवधेश प्रसाद को पहली बार हार का मुंह 2017 में देखने को मिला.जब मिल्कीपुर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी गोरखनाथ बाबा ने उन्हें 28,276 मतों से हरा दिया था मगर इस हार के बाद अवधेश प्रसाद ने साल 2022 में मिल्कीपुर विधानसभा से ही चुनाव लड़कर भाजपा प्रत्याशी बाबा गोरखनाथ को 13,000 से अधिक मतों से हराकर सपा का परचम लहरा दिया था.
दलित वोंटो पर अच्छी पकड़
अवधेश प्रसाद दलित समाज से आते हैं और उन्हें राजनीती का काफी गहरा अनुभव हैं.वह मुलायम सिहं यादव के काफी करीबी माने जाते हैं और विधानसभा में उन्हें वरिष्ठ सदस्य के रूप में जाना जाता हैं.दलित वोंटो के साथ ही यादव और मुस्लिम समाज में भी इनकी अच्छी पकड़ मानी जाती हैं.
TNP NEWS से सियाराम यादव की रिपोर्ट