
Nitin Kumar, नई दिल्ली: बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) ने UCC पर बड़ा बयान देते हुए अपना स्थान स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी बसपा समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के खिलाफ नहीं है, हालांकि संविधान (Constitution) इसे थोपने का समर्थन नहीं करता है।
मानसिकता की राजनीति
बसपा प्रमुख ने आगे कहा कि BJP को यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) से जुड़े सभी मुद्दों पर विचार करना चाहिए। वे यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के लागू होने के खिलाफ नहीं हैं। हालांकि, उनका मतभेद है कि BJP यूनिफॉर्म सिविल कोड के माध्यम से मानसिकता की राजनीति करने की कोशिश कर रही है।
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संविधान में यूनिफॉर्म सिविल कोड का उल्लेख
उन्होंने कहा कि अगर BJP तुच्छ राजनीतिक मुद्दों से ऊपर उठकर यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लाती है, तो उनकी पार्टी उसका समर्थन करेगी, अन्यथा उनका विरोध करेगी। मायावती (Mayawati) अनुसार, सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) पर चर्चा करके ध्यान भटकाने की राजनीति कर रही है। यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का उल्लेख पहले से ही संविधान में है।
अलग-अलग धर्मों के लोगों के बारे में
बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) ने आगे कहा कि भारत देश में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं, जो हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई, पारसी, बौद्ध आदि में सम्मिलित हैं। ये लोग अपने अलग-अलग धर्मीय विशेषताओं को मानते हैं, जिनमें उनका खान-पान, रहन-सहन, जीवनशैली और रस्म-रिवाज शामिल हैं। इसे अनदेखा करना संभव नहीं है।
देश को मजबूत बनाने के लिए
उन्होंने कहा कि यदि हर धर्म के लोगों के लिए एक समान कानून लागू होता है, तो यह देश को कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनाएगा। इसके साथ ही, लोगों के बीच आपसी सद्भाव भी पैदा होगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए ही भारतीय संविधान (Indian Constitution) की धारा 14 में यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) के बारे में उल्लेख किया गया है।