
नीतू पाण्डेय, नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सियासी घमासान के बीच NCP अध्यक्ष शरद पवार ने अचानक अपने पद से इस्तीफा देकर महाराष्ट्र में एक नई सियासी बहस को हवा दे दी. साथ ही उनके अचानक इस्तीफा देने के बाद महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में कई सवाल भी उठ रहे हैं. जिसमें सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या पवार का इस्तीफा, आने वाले दिनों में नए सियासी समीकरण के संकेत है. बता दें कि पहले महाराष्ट्र के भावी सीएम को लेकर पोस्टर वॉर हो रहा था, और फिर NCP नेता अजीत पवार के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें भी लगी.
शरद के इस्तीफे से मचा सियासी भूचाल
वहीं अब अचानक NCP के अध्यक्ष पद से शरद पवार ने इस्तीफा दे दिया है. महाराष्ट्र, औऱ खास कर महाविकास अघाड़ी दल में एक नया ट्विस्ट बनकर सामने आया है. शरद पवार के इस्तीफे से महाविकास अघाड़ी के साथ साथ महाराष्ट्र के सियासी पटल पर भी भूचाल मचा हुआ है. फिलहाल, शरद पवार के अचानक पार्टी से इस्तीफा देने के बाद सियासी गलियारों में कई सवाल एक साथ उठ ख़ड़े हुए हैं.
इस्तीफे से कई सवाल उठ रहे हैं...
जिसमें से पहला सवाल ये है कि आखिर शरद पवार के इस्तीफे की असली वजह क्या है ?
दूसरा सवाल ये कि आखिर इस्तीफे के बाद पार्टी में ‘पवार की पावर’ किसे मिलेगी ?
सवाल नंबर 3- क्या पवार का इस्तीफा MVA के लिए कोई खतरे का संकेत है ?
और सवाल नंबर 4 ये, कि आखिर पवार के इस्तीफे के लिए उद्धव ठाकरे और कांग्रेस कितनी जिम्मेदार है ?
पुस्तक में शरद के इस्तीफे की वजह
गौरतलब है कि पार्टी से इस्तीफे का ऐलान करने से ठीक पहले शरद पवार ने अपने सियासी सफर पर आधारित अपनी पुस्तक का विमोचन करने एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. इसी पुस्तक में शरद पवार ने अपने इस्तीफे की वजह भी बताई. उन्होंने अपनी आत्मकथा में बताया कि मेरे लिए यह बात चौंकाने वाली थी कि अजीत ने अचानक बीजेपी के साथ जाकर डिप्टी सीएम पद की शपथ क्यों ली?
ये भी पढ़ें- Delhi Liquor Scam: शराब नीति मामले में ED की चार्जशीट में Raghav Chadha का नाम, पंजाब सांसद ने आरोपों को किया खारिज
आखिर क्यों दिया शरद पवार ने इस्तीफा
जब मैंने सोचना शुरू किया कि अजीत ने ऐसा फैसला क्यों लिया तब मुझे एहसास हुआ कि सरकार गठन में कांग्रेस के साथ चर्चा इतनी सुखद नहीं थी. उनके व्यवहार के कारण हमें हर रोज सरकार गठन पर चर्चा में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.हमने चर्चा में बहुत नरम रुख अपनाया था लेकिन उनकी प्रतिक्रिया स्वागत योग्य नहीं थी.
इस पुस्तक में कई चीजों का जिक्र
इसके अलावा उपनी आत्मकथा में पवार ने उद्धव ठाकरे का भी जिक्र किया. इस पुस्तक के जरिए पवार ने बताया कि हमें अंदाजा नहीं था कि उद्धव के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही शिवसेना में बगावत शुरू हो जाएगी. लेकिन शिवसेना का नेतृत्व करने वाले संकट को संभाल नहीं सके और बिना संघर्ष किए उद्धव ने इस्तीफा दे दिया जिसके कारण एमवीए सरकार गिर गई.सरकार चलाने के दौरान उद्धव की कुछ मर्यादाएं थीं और वह मंत्रालय में सिर्फ 2-3 बार ही जा रहे थे जो हमें पसंद नहीं आ रहा था.
किसके सर पर सजेगा अब NCP अध्यक्ष का ताज?
शरद पवार ने जिस तरह से अपनी आत्मकथा में उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर अपना पक्ष रखा उसे सियासी जानकार पवार के इस्तीफे की एक बड़ी वजह मान रहे हैं. हालांकि इस बात पर अब भी सस्पेंस बरकरार है कि पवार के इस्तीफे के बाद पार्टी में ‘पवार की पावर’ आखिर किसे मिलेगी. क्योंकि एक तरफ NCP में शरद पवार के बाद नंबर 2 की हैसियत रखने वाले उनके भतीजे अजीत पवार है तो दूसरी ओर शरद पवार की बेटी और उनकी उत्तराधिकारी सुप्रिया सुले हैं.
इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र की सियासत में एक नया समीकरण
लिहाजा पवार के बाद पार्टी की कमान किसे मिलेगी इस पर भी आने वाले दिनों में पार्टी के भीतर ही एक बड़ी जंग देखने को मिल सकती है. साथ ही कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि शरद पवार के इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र की सियासत में एक नया समीकरण भी देखने को मिल सकता है. क्योंकि एक ओर अजीत पवार खुद को महाराष्ट्र का भावी सीएम घोषित कर चुके हैं. तो दूसरी ओर वक्त पर बीजेपी के साथ उनकी नजदीकियों की अटकलें भी सामने आती रही है. हालांकि अब तक शरद पवार इन अटकलों पर विराम लगाते आए थे. लेकिन अब उनके इस्तीफे के बाद इन अटकलों ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है.