
NEETU PANDEY, नई दिल्ली: सावन का महीना हर शिव भक्तों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है. इस दिन मंदिरों में सुबह से लंबी कतारें लगनी शुरु हो जाती है. ये महीना भगवान शिव के लिए समर्पित होता है. इस बार सावन का महीना कुछ ज्यादा ही खास है क्योंकि इस बार सावन का महीना एक नहीं पूरे दो महीने रहने वाला है. भगवान शिव की पूजा और भक्ति के लिए सावन का महीना बेहद खास रहने वाला है.
सावन का पहला सोमवार आज
सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई यानी आज है. 4 जुलाई यानी मंगलवार से शिवजी की आराधना का महापर्व सावन शुरु हुआ है. इस साल सावन 58 दिनों होगा. शिवजी की पूजा-पाठ और भक्ति के लिए सावन का महीना 2 माह तक होगा. सावन का पर्व 4 जुलाई से शुरु होकर 31 अगस्त तक चलेगा.
इस बार 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिक मास रहेगा. इसी कारण से इस वर्ष सावन का महीना 2 महीने रहने वाला है. इस बार 8 सावन सोमवार व्रत पड़ रहे हैं. श्रावण के महीने में तो हर दिन शिवजी और माता पार्वती की पूजा होती है, लेकिन सावन सोमवार का व्रत बहुत ही खास रहता है. शास्त्रों के अनुसार ये माना जाता है कि सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। इस कारण से सावन सोमवार का महत्व होता है.
पहला सावन सोमवार- 10 जुलाई
दूसरा सावन सोमवार- 17 जुलाई
तीसरा सावन सोमवार- 24 जुलाई
चौथा सावन सोमवार - 31 जुलाई
पांचवां सावन सोमवार - 07 अगस्त
छठा सावन सोमवार - 14 अगस्त
सातवां सावन सोमवार - 21 अगस्त
आठवां सावन सोमवार - 28 अगस्त
सावन के महीने में निकलने लगी कांवड़ यात्रा
आज के दिन मंदिरों में 'बम-बम भोले' का जयकारा गूंज रहा है. सावन में ही कांवड़ यात्रा भी होती है, सावन महीने की शुरुआत के साथ ही कांवड़ यात्रा भी शुरू हो गई है. सावन के पहले दिन मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है. बता दें बड़ी संख्या में लोग भगवान शिव के दर्शन करने के लिए मंदिरों में पहुंच रहे हैं.
सावन महीने में मां पार्वती-शिवजी की आराधना करना शुभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये माना जाता है कि सावन के महीने ही मां पार्वती ने भगवान शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। मां पार्वती की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इस तरह से मां पार्वती का विवाह भगवान शिव के साथ हुआ। ऐसे में सावन का महीना भगवान शिव और माता पार्वती दोनों का प्रिय महीना था। इस कारण से सावन के महीने में पड़ने वाले हर सोमवार का काफी महत्व होता है. सावन का सोमवार व्रत सुहागिन महिलाओं और कुंवारी महिलाओं के लिए बेहद खास होता है.
भोलेनाथ को चढ़ाए ये चीजें
सावन सोमवार में शिव पूजा के लिए विशेष पूजन सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए कच्चा दूध, गंगाजल, दही, घी, शहद, भांग, धतूरा, शक्कर, केसर, चंदन, बेलपत्र, अक्षत, भस्म, रुद्राक्ष, शमी पत्र, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, फल, कपूर, धूप, दीप, शिव के प्रिय फूल (हरसिंगार, आक, कनेर), इत्र, पंचमेवा, काला तिल, सोमवार व्रत कथा पुस्तक एकत्रित कर लें. सावन सोमवार को प्रदोष काल में ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय इस मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग शिवलिंग पर कमल का पुष्प चढ़ाएं.
सावन के पहले सोमवार का अभिजित मुहूर्त
सावन के पहले सोमवार का अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक है. सावन के सोमवार के दिन प्रदोष काल में शिवजी की पूजा करने का विशेष महत्व माना गया है. सावन के पहले सोमवार पर शाम की पूजा का शुभ महूर्त शाम को 5 बजकर 38 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक है. ऐसी मान्यता है कि शाम के वक्त में रुद्राभिषेक करने से शिवजी सभी कष्टों को दूर करते हैं.
मंगलवार को पड़ेगा मंगला गौरी व्रत
इन महीनों में भक्त शिव की उपासना कर भगवान शिव से वरदान मांगते है. सावन के पहले ही दिन यानी मंगलवार को मंगला गौरी व्रत पड़ा था. इस दिन जो भक्त मंगला गौरी की उपासना की उपासना करते है, उस पर मां पार्वती और भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा बरसती है. इस सावन 9 मंगलवार पड़ रहे हैं, ऐसे में 9 मंगला व्रत रखे जाएंगे. माना ये जाता है कि सावन में मंगला गौरी व्रत करने से विवाह और वैवाहिक जीवन से जुड़ी परेशानियां दूर की जा सकती है.