
केरल की एक अदालत ने 2017 में अभिनेत्री पर हुए हमले के चर्चित मामले में अभिनेता दिलीप को दोषी नहीं पाया। कोर्ट का कहना है कि अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर पाया कि दिलीप ने किसी तरह की आपराधिक साजिश रची थी या केस से जुड़ा कोई अपराध किया था।
छह आरोपी दोषी पाए गए
अदालत ने मामले के छह अन्य लोगों को दोषी ठहराया है। इनमें अपहरण, यौन उत्पीड़न, आपराधिक षड्यंत्र, गलत तरीके से बंधक बनाना और सामूहिक बलात्कार जैसे गंभीर आरोप शामिल थे। फैसला एर्नाकुलम जिला एवं सत्र न्यायाधीश हनी एम. वर्गीस ने सुनाया।
दिलीप का दावा “मेरे खिलाफ ही असली साजिश रची गई”
फैसले के बाद दिलीप ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में उनकी छवि और जीवन दोनों खराब हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पूर्व पत्नी मंजू वारियर ने सबसे पहले उनके खिलाफ शक पैदा किया। इसके बाद एक सीनियर पुलिस अधिकारी और टीम ने मुख्य आरोपी से मिलकर एक झूठी कहानी गढ़ी। दिलीप ने अपने समर्थकों और परिवार का धन्यवाद भी किया।
केरल सरकार करेगी फैसले के खिलाफ अपील
राज्य सरकार इस फैसले को स्वीकार नहीं कर रही है। कानून मंत्री पी. राजीव ने कहा कि सरकार उच्च अदालत में अपील करेगी। सरकार पीड़िता के साथ खड़ी है। कई आरोपी दोषी पाए गए हैं, लेकिन बड़ी साजिश अदालत में साबित नहीं हो सकी। सीपीएम नेता एम.वी. गोविंदन ने भी पीड़िता के समर्थन की बात कही।
क्या था पूरा मामला? (2017 की घटना)
यह केस 17 फरवरी 2017 का है, जब एक लोकप्रिय अभिनेत्री का अपहरण हुआ है। लगभग 2 घंटे तक कार के अंदर यौन उत्पीड़न किया गया। पूरा मामला फिल्म इंडस्ट्री को हिलाकर रख देने वाला था। पल्सर सुनी समेत कुल 10 आरोपी थे। सभी पर आईसीपीसी और आईटी एक्ट की कई धाराएं लगीं।
Saurabh Dwivedi


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